World Economic Forum Summit : पुतिन ने कहा, दुनिया में संघर्ष बढ़ने और विकास मॉडल ध्वस्त होने का अंदेशा
पुतिन ने कहा हालात जिस तरह बिगड़ रहे हैं उनमें हम हाथ पर हाथ रखकर चुपचाप नहीं बैठ सकते। परमाणु हथियार खत्म करने के समझौते का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा यह सही दिशा का कदम है। यह समझौता हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले हुआ है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने दुनिया में संघर्ष बढ़ने की आशंका जताई है। कहा कि जिस प्रकार से क्षेत्रीय संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं, उससे हालात बिगड़ने के आसार हैं। इस सबसे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा का वातावरण खराब होगा और दुनिया के विकास की अवधारणा ध्वस्त होने का खतरा पैदा होगा। पुतिन ने यह बात वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के मंच से कही। दावोस में हो रही ऑनलाइन समिट में वह बोल रहे थे।
मौजूदा हालात पर कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए पुतिन ने चेतावनी दी कि स्थितियां उसी ओर जाती दिख रही हैं जहां पर दुनिया 1930 के आसपास थी। चुनौतियां बढ़ रही हैं और सामाजिक विघटन हो रहा है, इनसे मतभेद बढ़ रहे हैं। इन हालात में टकराव की आशंका भी बढ़ रही है। हालात बिगाड़ने में वामपंथी और दक्षिणपंथी, दोनों ही वर्गो के लोग शामिल हैं। अतिवादी भी अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं। जो हालात हैं लग रहा है कि कुछ समय के बाद सब एक-दूसरे से लड़ते दिखाई देंगे। पुतिन ने कहा, हालात जिस तरह से बिगड़ रहे हैं, उनमें हम हाथ पर हाथ रखकर चुपचाप नहीं बैठ सकते। परमाणु हथियार खत्म करने के समझौते का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, यह सही दिशा का कदम है। यह समझौता हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले हुआ है। हालांकि इस समझौते पर रूस ने दस्तखत नहीं किए हैं।
दुनिया की आर्थिक दशा पर चर्चा करते हुए पुतिन ने कहा, इस समय निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं का दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से 200 प्रतिशत ज्यादा का कर्ज है। कुछ देशों पर कर्ज का यह बोझ 300 प्रतिशत तक है। वास्तविक उत्पादन और आभासी आंकड़ों के बीच का अंतर भी विवाद की बड़ी वजह है। पुतिन ने कहा, कोविड-19 महामारी ने तकनीक विकास को गति दी है लेकिन श्रम क्षेत्र भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। बहुत से लोगों की नौकरियां चली गई हैं। महामारी से मध्य वर्गीय लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। आधुनिक समाज में दुनिया में इसी वर्ग के लोग सर्वाधिक हैं। रूसी राष्ट्रपति ने कहा, आर्थिक मुश्किलों और गैर बराबरी के चलते सामाजिक और नस्लीय समस्याएं बढ़ रही हैं। टकराव बढ़ने की प्रमुख वजहों में यह भी शामिल है।