पांचजन्य ने अमेजन को दूसरी ईस्ट इंडिया कंपनी बताया, कहा- भारतीय बाजार में जमाना चाहती है एकाधिकार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी साप्ताहिक पत्रिका पांचजन्य ने प्रमुख ई-कामर्स कंपनी अमेजन को ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0 बताया है। पत्रिका ने यह भी आरोप लगाया है कि कंपनी अपने पक्ष में सरकारी नीतियां बनवाने के लिए करोड़ों रुपये घूस दिए हैं।

By TaniskEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 11:07 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 11:07 PM (IST)
पांचजन्य ने अमेजन को दूसरी ईस्ट इंडिया कंपनी बताया, कहा- भारतीय बाजार में जमाना चाहती है एकाधिकार
पांचजन्य ने प्रमुख ई-कामर्स कंपनी अमेजन को 'ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0' बताया ।

नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी साप्ताहिक पत्रिका पांचजन्य ने प्रमुख ई-कामर्स कंपनी अमेजन को 'ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0' बताया है। पत्रिका ने यह भी आरोप लगाया है कि कंपनी अपने पक्ष में सरकारी नीतियां बनवाने के लिए करोड़ों रुपये घूस दिए हैं। बता दें कि इससे पहले पत्रिका ने आयकर पोर्टल में आ रही दिक्कतों को लेकर भारतीय आइटी कंपनी इन्फोसिस पर निशाना साधा था। इन्फोसिस ने ही आयकर विभाग के लिए पोर्टल बनाया था।

तीन अक्टूबर को बाजार में आने वाले पत्रिका के अंक में अमेजन पर ही कवर स्टोरी है। इसमें अमेरिकी ई-कामर्स कंपनी की आलोचना की गई है। पांचजन्य ने 'ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0' के नाम से अपने लेख में कहा है, '18वीं शताब्दी में भारत पर कब्जा जमाने के लिए जो काम ईस्ट इंडिया कंपनी ने किया, वही आज अमेजन की गतिविधियों में नजर आता है।'

लेख में दावा किया गया है कि अमेजन भारतीय बाजार में अपना एकाधिकार जमाना चाहती है। इसके लिए उसने भारत के लोगों के आर्थिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत आजादी पर कब्जा जमाने की पहल शुरू कर दी है। लेख में अमेजन के वीडियो प्लेटफार्म प्राइम वीडियो पर भी प्रहार किया गया है। इसमें कहा गया है कि प्राइम वीडियो पर वही फिल्में और टीवी सीरीज रिलीज की जाती हैं जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ होती हैं।

आरोप लगाया गया है कि अमेजन ने कई फर्जी कंपनियां स्थापित की हैं। लेख में कहा गया है कि ऐसी भी रिपोर्ट हैं कि अमेजन ने अपने फायदे वाली नीतियां बनवाने के लिए करोड़ों की रिश्वत दी हैं। अमेजन फ्यूचर समूह पर अधिकार के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है। उसके खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) की जांच भी चल रही है।

गौरतलब है कि ऐसी खबरें आई हैं कि अमेरिकी ई-कामर्स दिग्गज अमेजन भारत में अपने कानूनी प्रतिनिधियों द्वारा भुगतान की गई कथित रिश्वत की जांच कर रही है और उसने 2018-20 के दौरान भारत में बने रहने के लिए 8,546 करोड़ रुपये कानूनी मद में खर्च किए हैं। कांग्रेस ने भी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अमेजन घूस कांड की जांच कराने की मांग की है।

इससे पहले, संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने भी अमेजन जैसी ई-कामर्स कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। स्वदेशी जागरण मंच ने इन कंपनियों पर व्यापारियों के हितों की रक्षा करने वाले कानूनों को हटवाने और अनैतिक तरीके से व्यापार करने का आरोप लगाया था।

chat bot
आपका साथी