Innovation in the Defense Sector: रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े कदम, 498.8 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता को मंजूरी

रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अनुसंधान और विकास पर जोर देने का फैसला किया है। डीआइओ को 498.8 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता को मंजूरी दे दी है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 08:06 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 10:39 PM (IST)
Innovation in the Defense Sector: रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े कदम, 498.8 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता को मंजूरी
रक्षा क्षेत्र में नवाचार के लिए 498 करोड़ रुपये की मंजूरी। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अनुसंधान और विकास पर जोर देने का फैसला किया है। इसी मकसद से रक्षा मंत्री ने अगले पांच वर्षों के लिए रक्षा उत्कृष्टता में नवाचार (आइ-डीईएक्स) के लिए रक्षा नवाचार संगठन (डीआइओ) को 498.8 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता को मंजूरी दे दी है।

इस बजट से 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' को बढ़ावा मिलेगा

रक्षा क्षेत्र में नए अन्वेषण के साथ इस बजट से 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि आइ-डीईएक्स-डीआइओ का देश की रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण प्राथमिक उद्देश्य है।आइ-डीईएक्स के निर्माण और डीआइओ की स्थापना का उद्देश्य एमएसएमई, स्टार्ट-अप्स, व्यक्तिगत नवोन्मेषकों, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, शिक्षा जगत समेत उद्योगों को शामिल करके रक्षा और एयरोस्पेस में नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देना है।

योजना का उद्देश्य स्वदेशी और अभिनव प्रौद्योगिकी से विकास को सुगम बनाना

पांच वर्षों के लिए 498.8 करोड़ रुपये की सहायता वाली इस योजना का उद्देश्य डीआइओ फ्रेमवर्क के तहत लगभग 300 स्टार्ट-अप्स, एमएसएमई, व्यक्तिगत नवोन्मेषकों और 20 साझेदार इनक्यूबेटर को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। डीआइओ अपनी टीम के साथ नवोन्मेषकों के लिए चैनल बनाने में सक्षम होगा, ताकि वे भारतीय रक्षा उत्पादन उद्योग के साथ जुड़ सकें और उनके साथ बातचीत की जा सके। इस योजना का उद्देश्य भारतीय रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए नई, स्वदेशी और अभिनव प्रौद्योगिकी से विकास को सुगम बनाना है, ताकि कम समय में उनकी जरूरतों को पूरा किया जा सके।

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