बढ़ रहे कोरोना के मामले लेकिन तीसरी लहर घोषित करना होगी जल्दबाजी, वैज्ञानिकों ने दी यह सलाह

कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और आर फैक्टर में वृद्धि हो रही है लेकिन इसे तीसरी लहर की शुरुआत घोषित करना बहुत जल्दबाजी होगी। विज्ञानियों का यह भी कहना है कि इससे घबराने की जरूरत नहीं...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 12:08 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 12:19 AM (IST)
बढ़ रहे कोरोना के मामले लेकिन तीसरी लहर घोषित करना होगी जल्दबाजी, वैज्ञानिकों ने दी यह सलाह
कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और आर फैक्टर में वृद्धि हो रही है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और आर फैक्टर में वृद्धि हो रही है, लेकिन इसे तीसरी लहर की शुरुआत घोषित करना बहुत जल्दबाजी होगी। विज्ञानियों का यह भी कहना है कि इससे घबराने की जरूरत नहीं, बल्कि एहतियात बरतने और टीके लगवाने की आवश्यकता है। आर फैक्टर से यह पता चलता है कि कितनी तेजी से संक्रमण फैल रहा है।

क्‍या अब भी जारी है दूसरी लहर

कोरोना के ग्राफ पर नजर रखने वाले और कुछ हिस्सों में मामलों में वृद्धि को रेखांकित करने वाले कई विज्ञानियों का कहना है कि यह भी हो सकता है कि दूसरी लहर ही समाप्त नहीं हुई हो। हरियाणा स्थित अशोक विश्वविद्यालय में भौतिक शास्त्र और जीविज्ञान विभाग में प्रोफेसर गौतम मेनन ने कहा, उदाहरण के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में मामले न्यूनतम स्तर पर नहीं गए जैसा कि दिल्ली और अन्य उत्तरी राज्यों में देखने को मिला।

आर फैक्टर का बढ़ना चिंता का सबब

गौतम मेनन ने कहा, 'इस प्रकार, संभव है कि हम दूसरी लहर की निरंतरता को देख रहे हैं बजाय कि नई कोविड-19 लहर की शुरुआत होने की।' चेन्नई स्थित इंस्टीट्यूट आफ मैथमेटिकल साइसेंज के अनुसंधानकर्ताओं ने नवीनतम विश्लेषण के मुताबिक सात मई के बाद पहली बार भारत में आर फैक्टर यानी 'आर' संख्या (एक संक्रमित द्वारा दूसरे लोगों को संक्रमित करने की संभावना संख्या में) एक को पार कर गई है।

यह चिंताजनक स्‍थति

इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ता सीताभ्र सिन्हा ने कहा कि यह चिंताजनक स्थिति है कि आर की संख्या किसी एक क्षेत्र में मामले बढ़ने से नहीं बढ़े हैं बल्कि कई राज्यों में 'आर' फैक्टर एक से अधिक हो गया है। उन्होंने कहा, 'केरल में एक महीने से आर मूल्य एक से अधिक है जबकि पूर्वोत्तर राज्यों में जहां दूसरी लहर का प्रकोप अब तक कम नहीं हुआ है जुलाई के शुरुआत से ही यह उच्च स्तर पर बना हुआ है।

काबू पाने में होगी मुश्किल

पिछले एक सप्ताह में कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा और संभवत: उत्तराखंड में आर (रिप्रोडक्शन) मूल्य एक को पार कर गया है। चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और दिल्ली जैसे शहरों में भी आर मूल्य एक से ऊपर दिखाई दे रहा है। यह संकेत कर रहा है कि देश के विभिन्न हिस्सों में बिखरे सक्रिय मामलों को नियंत्रित करने में मुश्किल आएगी।'

तीसरी लहर कहना जल्‍दबाजी

दिल्ली के फिजिशियन और महामारी विशेषज्ञ चंद्रकांत लहरिया ने कहा, 'हमें महामारी के लिए तैयार रहना चाहिए लेकिन भयभीत नहीं। यह समय है कि लोग मास्क पहने और टीका लगवाएं।' दिल्ली-एनसीआर स्थित शिव नाडर विश्वविद्यालय में प्रकृति विज्ञान स्कूल के डीन संजीव गलांडे का मानना है कि यह तीसरी लहर की शुरुआत है या नहीं इसका पूर्वानुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगी। 

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