NHRC अध्यक्ष ने कहा- कोरोना में जीवन के अधिकार को पेटेंट के अधिकार पर मिलनी चाहिए वरीयता

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(NHRC) के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर) अरुण मिश्रा ने कहा कि गरीबों को सस्ती कीमत पर मिले दवाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसे संकटकाल में जीवन के अधिकार को पेटेंट धारकों के अधिकार पर वरीयता दी जानी चाहिए।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:30 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:30 AM (IST)
NHRC अध्यक्ष ने कहा- कोरोना में जीवन के अधिकार को पेटेंट के अधिकार पर मिलनी चाहिए वरीयता
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष की अपील।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर) अरुण मिश्रा ने कहा है कि जीवन के अधिकार को पेटेंट धारकों के अधिकार पर वरीयता दी जानी चाहिए, ताकि गरीबों को सस्ती कीमत पर दवाएं मिल सके। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जीवन रक्षक दवाओं और वैक्सीन की कमी के संदर्भ में उन्होंने यह बात कही। मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी एक बयान के अनुसार जस्टिस मिश्रा मानवाधिकार परिषद (एचआरसी) की एक डिजिटल वैश्विक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, कोरोना के कारण दुनिया को भारी नुकसान हुआ है। समाज में हाशिए पर रहने वाले तबकों के जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए नई चुनौतियां पैदा हुई हैं, शिक्षा को नुकसान हुआ है, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा प्रभावित हुआ है, परिवार बेसहारा हो गए हैं और बच्चे अनाथ हुए हैं।

उन्होंने कहा कि आयोग परामर्श सहित अपने विभिन्न कदमों के जरिये इस अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिए शासन की प्रणालियों को संवेदनशील बनाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग मृतकों की गरिमा का भी ख्याल रखता है। मानवाधिकार आयोग के प्रमुख ने अपने संक्षिप्त भाषण में कई मुद्दों का जिक्र किया और चिंता जताई कि ये मानवाधिकारों को किस कदर प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने सीमा पार आतंकवाद की चुनौतियों का भी उल्लेख किया।

NIA कोर्ट से अखिल गोगोई आरोपों से बरी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की अदालत ने असम में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन मामले में विधायक अखिल गोगोई के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम)अधिनियम 1967 के तहत दर्ज दो मामलों में से एक में उन्हें आरोपों से बरी कर दिया है। विशेष एनआइए न्यायाधीश प्रांजल दास ने गोगोई के खिलाफ आरोप तय नहीं किये।

गोगोई को दिसंबर 2019 में चाबुआ पुलिस थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने गोगोई के दो सहयोगियों जगजीत गोहेन द भूपेन गोगोई को भी मामले में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के सभी आरोपों से बरी कर दिया। रायजोर दल के अध्यक्ष गोगोई को चाबुआ पुलिस थाने में दर्ज मूल मामले में इससे पहले जमानत मिल गई थी। यह मामला बाद में एनआइए को सौंप दिया गया था।

chat bot
आपका साथी