RFL Case: SC ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर सिंह बंधुओं को ठहराया कोर्ट की अवमानना ​​का दोषी

सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मालविदंर सिंह और शिविंदर सिंह को उनके खिलाफ कोर्ट में दायर मामले में अदालत की अवमानना ​​का दोषी ठहराया है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Fri, 15 Nov 2019 11:25 AM (IST) Updated:Fri, 15 Nov 2019 11:51 AM (IST)
RFL Case: SC ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर सिंह बंधुओं को ठहराया कोर्ट की अवमानना ​​का दोषी
RFL Case: SC ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर सिंह बंधुओं को ठहराया कोर्ट की अवमानना ​​का दोषी

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मालविदंर सिंह और शिविंदर सिंह को जापान की फर्म दाइची सैंक्यो द्वारा दायर मामले में अदालत की अवमानना ​​का दोषी ठहराया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सिंह भाइयों ने  आदेश का उल्लंघन करते हुए उन्हें फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड में अपने शेयर नहीं देने के लिए कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने आज जापानी दवा निर्माता कंपनी दाईची सांक्यो की याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह बातें कहीं। यह केस सिंह बंधुओं के खिलाफ 3500 रुपये के मध्यस्थता पुरस्कार के भुगतान को लेकर दर्ज किया गया है। 

ED ने की गिरफ्तारी

इससे पहले गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने रेनबैक्सी हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर मालविंदर सिंह और रेलिगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड के पूर्व सीएमजी सुनील गोधवानी को गिरफ्तार किया था। इन दोनों लोगों को रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड(RFL) के फंड गबन मामले में दोनों को गिरफ्तार किया गया है।ईडी ने दोनों आरोपितों को तिहाड़ सेंट्रल जेल के अंदर अपनी हिरासत में ले लिया, जहां वह पहले से ही दिल्ली पुलिस द्वारा कथित घोटाले के संबंध में दायर एक मामले में बंद थे। 

ईडी की ओर से उनके वकील ने कोर्ट से आरोपियों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी करने का आग्रह किया था।मालविंदर सिंह और गोधवानी पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत पैसे जमा करने का आरोप है।

न्यायिक हिरासत में थे सिंह बंधु

इससे पहले दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मालविंदर और शिविंदर सिंह को 31 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा था। उनके साथ ही तीन अन्य आरोपितों रैनबैक्सी के पूर्व चेयरमैन सुनील गोधवानी, पूर्व सीईओ कवि अरोड़ा और पूर्व फाइनेंस चीफ अनिल सक्सेना को भी कोर्ट ने 31 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

ईडी के मुताबिक, दोनों आरोपितों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपए का गबन किया। दिल्ली पुलिस के द्वारा दर्ज एक केस के आधार पर ही इस मामले में अपनी जांच शुरू की है।

chat bot
आपका साथी