चीन और पाक के खिलाफ PoK में गुस्सा, स्थानीय नागरिक कर रहे विरोध प्रदर्शन

नीलम और झेलम नदियों पर बांध के अवैध निर्माण के खिलाफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद शहर में चीन और पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 09:38 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 12:43 PM (IST)
चीन और पाक के खिलाफ PoK में गुस्सा, स्थानीय नागरिक कर रहे विरोध प्रदर्शन
चीन और पाक के खिलाफ PoK में गुस्सा, स्थानीय नागरिक कर रहे विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली, एजेंसी। पाकिस्तान और चीन के खिलाफ पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया है।  नीलम और झेलम नदियों पर बांध के अवैध निर्माण के खिलाफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद शहर में चीन और पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। नीलम झेलम और कोहाला हाइड्रो पावर परियोजनाओं के अवैध निर्माण के विरोध में स्थानीय  निवासियों द्वारा एक विशाल विरोध रैली आयोजित की गई थी।

प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान और चीन द्वारा निर्मित बांधों के कारण पर्यावरणीय प्रभावों के बारे में बात की और वैश्विक मंच पर इस मुद्दे को उजागर करने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों ने पूछा कि किस कानून के तहत पाकिस्तान और चीन के बीच विवादित क्षेत्र का नदी समझौता हुआ है? उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन नदियों पर कब्जा करके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा कि हमें कोहला परियोजना की ओर मार्च करना चाहिए और तब तक वहां विरोध जारी रखना चाहिए, जब तक कि यह नहीं रुकता।

जानें- क्यों हो रहा है चीन और पाक का विरोध

हाल ही में कोहाला में 2.4 बिलियन डॉलर की लागत से 1,124 मेगावॉट जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए एक चीनी कंपनी और पाकिस्तान और चीन की सरकारों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत PoK में झेलम नदी पर बनाया जा रहा हाइड्रोपावर प्लांट कोहाला हाइड्रोपावर कंपनी लिमिटेड (KHCL) को दिया गया है, जो चाइना थ्री गोरजेस कॉर्पोरेशन (CTGC) की सहायक कंपनी है।

भारत के साथ चीन की हो चुकी है हिंसक झड़पें

बता दें कि चीन भारत के लिए भी सिरदर्द बना हुआ है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले सात हफ्तों से पूर्वी लद्दाख के कई स्थानों पर गतिरोध बना हुआ है और 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया है।

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