अगस्त महीने से शुरू हो सकता है प्रवासी श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन, जानें क्या-क्या होगा लाभ
प्रवासी श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन (पंजीयन) का काम अगले महीने शुरू हो सकता है। सरकारी एजेंसी नेशनल इनफारमेटिक्स सेंटर (एनआइसी) ने प्रवासी श्रमिकों के पंजीयन के लिए नेशनल डाटाबेस फार अनआर्गनाइज्ड वर्कर्स (एनडीयूडब्ल्यू) नाम से एक पोर्टल तैयार किया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रवासी श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन (पंजीयन) का काम अगले महीने शुरू हो सकता है। सरकारी एजेंसी नेशनल इनफारमेटिक्स सेंटर (एनआइसी) ने प्रवासी श्रमिकों के पंजीयन के लिए नेशनल डाटाबेस फार अनआर्गनाइज्ड वर्कर्स (एनडीयूडब्ल्यू) नाम से एक पोर्टल तैयार किया है। प्रवासी श्रमिकों के पंजीकृत होने से उन्हें सरकार की तरफ से दी जा रही सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा स्कीमों का लाभ मिल सकेगा। चाहे वह श्रमिक किसी भी राज्य में काम कर रहा हो।
श्रमिक कामन सर्विस सेंटर और डाकघर में मुफ्त करा सकेंगे पंजीयन
पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान देशव्यापी लाकडाउन होने पर प्रवासी श्रमिकों के पलायन के वक्त इस प्रकार के श्रमिकों के पंजीयन की जरूरत महसूस की गई ताकि उन्हें उनके कार्यस्थल पर ही सभी सरकारी लाभ मिल सकें। पिछले एक साल से भी अधिक समय से प्रवासी श्रमिकों के पंजीयन के लिए श्रम मंत्रालय की तैयारी चल रही थी। श्रम मंत्रालय के मुताबिक प्रवासी श्रमिकों के पंजीयन का काम अगस्त में शुरू हो सकता है। पंजीयन में श्रमिकों के आधार नंबर का इस्तेमाल किया जाएगा।
प्रवासी श्रमिकों के डाटा को पोर्टल पर संग्रहित करेंगी राज्य सरकारें
श्रम मंत्रालय के मुताबिक, देश भर में स्थित लगभग चार लाख कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) और डाक घर की कुछ विशेष शाखाएं पंजीयन केंद्र के रूप में काम करेंगी। प्रवासी श्रमिक इन जगहों पर जाकर अपना पंजीयन करा सकेंगे। पंजीयन के लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा। एक बार पंजीयन का काम शुरू होने के बाद राज्य सरकारें अपने-अपने राज्यों में काम करने वाले प्रवासी श्रमिकों से संपर्क कर उनके डाटा को पोर्टल पर संग्रहित करेंगी।
एनआइसी तैयार कर रहा पोर्टल, मिलेगा सामाजिक सुरक्षा का फायदा
मंत्रालय के मुताबिक प्रवासी श्रमिकों के लिए पोर्टल शुरू होने से प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान धन योजना जैसी स्कीमों का लाभ सभी श्रमिकों तक पहुंचाने की चुनौती खत्म हो सकती है। इसके अलावा इन श्रमिकों को ईएसआइसी और ईपीएफओ से जुड़ी स्कीमों का भी लाभ मिलेगा। कोई भी श्रमिक इस पोर्टल पर अपना पंजीयन करा सकेगा।
अभी प्रवासी श्रमिकों का सरकार के पास कोई डाटा नहीं है। सबसे अधिक निर्माण क्षेत्र में प्रवासी श्रमिक काम कर रहे हैं। श्रम मंत्रालय के मुताबिक भवन एवं अन्य निर्माण कार्यों में करीब 2.5 करोड़ प्रवासी श्रमिक हैं। मंत्रालय ने निर्माण कार्यों से जुड़े इन श्रमिकों की भलाई के लिए एक माडल स्कीम तैयार की है जिसे सख्ती से लागू करने के लिए सभी राज्यों को भेजा गया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी श्रम मंत्रालय को प्रवासी श्रमिकों का डाटाबेस तैयार करने में हो रही देरी पर फटकार लगाई थी।