जानें- पाकिस्तान के अमेरिका और चीन से संबंधों को लेकर क्या लिखता है वहां का प्रमुख अखबार
पाकिस्तान अमेरिका के साथ दोबारा संबंधों को बेहतर बनाने की कवायद कर रहा है। इस बीच पाकिस्तान के प्रमुख अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा है कि सरकार को दोनों के बीच सामंजस्य बना कर रखना होगा। ये बेहद जरूरी है।
नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। पाकिस्तान और चीन के संबंध किसी से छिपे नहीं है। बीते कुछ वर्षों में पाकिस्तान से जहां अमेरिका दूर हुआ है वहीं चीन बेहद करीब आया है। हालांकि इसमें कोई दोराय नहीं है कि चीन हमेशा से ही पाकिस्तान का एक ट्रेडिशनल पार्टनर रहा है। लेकिन अब हालात कुछ अलग हो गए हैं। पाकिस्तान को ये बात समझ में आने लगी है कि अमेरिका का उससे दूर जाना कहीं न कहीं उसकी आर्थिक उन्नति के लिए बाधा बन सकता है। यही वजह है कि वो अब अमेरिका के करीब जाने की कोशिशों में लगा है। हाल ही में जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से फोन पर दूसरी बार बात हुई तो कुरैशी ने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर दिया।
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार द डॉन ने अपने संपादकीय में लिखा है कि इस दौरान कुरैशी ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान अमेरिका से आर्थिक रिश्तों को और मजबूत करने की इच्छा रखता है। इसके अलावा पाकिस्तान ने इ स दौरान ये भी जताने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी कि वो इस क्षेत्र की एक मजबूत शक्ति है। कुरैशी का कहना था कि दक्षिण पूर्वी एशिया में पाकिस्तान शांति के लिए हर संभव प्रयास करता रहा है और आगे भी करेगा। लेकिन अखबार लिखता है कि पाकिस्तान के लिए चीन और अमेरिका में से किसी एक को चुनना हमेशा से ही मुश्किल सौदा रहा है।
अखबार ने अपने संपादकीय में सरकार को नसीहत देते हुए लिखा है कि अमेरिका से संबंध मजबूत करने के लिए वो न तो चीन को ताक पर ही रखे बल्कि दोनों के बीच बेहतर तालमेल बनाने की कोशिश करे। अखबार लिखता है कि पाकिस्तान के लिए ये बेहद जरूरी है कि अमेरिका से संबंधों को मजबूत करने के लिए वो चीन की प्रमुखता को आड़े न आने दे। अखबार के मुताबिक पाकिस्तान के लिए दोनों ही जरूरी हैं और पूर्व में उसके दोनों से ही संबंध काफी अच्छे रहे हैं। लेकिन अब वक्त बदल चुका है। ऐसे में दोनों के बीच सामंजस्य बिठाकर आगे बढ़ना बेहद जरूरी है।
अखबार ने ये भी लिखा है कि पाकिस्तान ये भूल कतई न करे कि एक से संबंध मजबूत करने के लिए दूसरे को दरकिनार ही कर दे। चीन पाकिस्तान के लिए बेहद जरूरी है। सीपीईसी प्रोजेक्ट पाकिस्तान की आर्थिक तरक्की की राह खोल सकता है। हालांकि अमेरिका इस प्रोजेक्ट को सही नहीं मानता है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान ने अमेरिका में अच्छा खास निवेश किया हुआ है।
अखबार ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर लिखा है कि कि पाकिस्तान सरकार के लिए ये बेहद चुनौतीपूर्ण होगा कि अमेरिका के अफगानिस्तान से जाने के बाद वहां पर सत्ता का सही तरह से हस्तांतरण हो जाए। अखबार का ये भी मानना है कि चीन और अमेरिका के बीच सामंजस्य बनाना आसान काम नहीं होगा लेकिन पाकिस्तान को इसे बनाए रखना बेहद जरूरी होगा।