उत्तराखंड में पूर्व CM's के बंगले के बकाया किराया मामले में निशंक को SC से मिली राहत

Ex CM Bungalow Rent Dues पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले के बकाया किराए के मामले में सुप्रीम कोर्अ ने राहत दी और उनकी याचिका पर नोटिस जारी किया है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 11:48 AM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 11:48 AM (IST)
उत्तराखंड में पूर्व CM's के बंगले के बकाया किराया मामले में निशंक को SC से  मिली राहत
बकाया किराए के मामले में निशंक को कोर्ट से राहत

नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उत्तराखंड (Uttarakhand) में पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले के बकाया किराए के मामले पर सुनवाई की गई। दरअसल, यहां के पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगले का बकाया किराया वसूलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal Nishank) को राहत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में सरकारी बंगले का किराया नहीं देने पर पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही पर रोक लगाई है। पूर्व मुख्यमंत्री पोखरियाल निशंक ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों से बाजार मूल्य पर सरकारी बंगलों का किराया देने के लिए कहा गया था।

उल्लेखनीय है कि इसी माह उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य के अतिरिक्त सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में राज्य सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं के एवज में वसूल की गई बकाया राशि को कम करने के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने अतिरिक्त सचिव द्वारा निशंक से वसूल की जाने वाली राशि की पुनर्गणना करने तथा उसे कम करने पर सवाल पूछते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। 

जस्टिस शरद कुमार शर्मा ने बतौर पूर्व मुख्यमंत्री उन्हें आवंटित आवास का बाजार मूल्य पर किराये और बिजली, पानी तथा अन्य सुविधाओं के बकाये का भुगतान नहीं करने के लिए निशंक के खिलाफ दायर एक अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान यह नोटिस जारी किया। अदालत में दाखिल अपने हलफनामे में निशंक ने बताया था कि उन्होंने बकाए के रूप में 10,77,709 रुपये का भुगतान कर दिया है और उनके इस हलफनामे पर अतिरिक्त सचिव चौधरी ने दस्तखत किए थे। कोर्ट के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री पर 41,64,389 रुपये का कुल बकाया था और उनके द्वारा पूरी धनराशि का भुगतान नहीं किया गया।

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