Exclusive: वक्त बताएगा मोदी के तरकश में है कौन सा तीर: रामविलास पासवान

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि मैं तो इतना कहूंगा कि मोदी सरकार ने हर वर्ग के लिए जितना काम किया है वह किसी भी सरकार के मुकाबले ज्यादा है और जीत पक्की है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 08:09 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 10:36 PM (IST)
Exclusive: वक्त बताएगा मोदी के तरकश में है कौन सा तीर: रामविलास पासवान
Exclusive: वक्त बताएगा मोदी के तरकश में है कौन सा तीर: रामविलास पासवान

अंतरिम बजट और उससे पहले बड़ी और लोकलुभावन घोषणाओं को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। ऐसे में केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान की भी नजर प्रधानमंत्री पर टिकी है। पर वह इससे परे वह सामान्य वर्ग के आरक्षण के प्रभाव को लेकर ही आश्वस्त हैं। दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख आशुतोष झा से बातचीत में वह कहते हैं कि विरोध करने वालों को हर्जाना भुगतना पड़ेगा। बातचीत का एक अंश:

- लोकसभा चुनाव मुहाने पर खड़ा है। हाल में एक मंत्री का बयान आया था कि चुनाव से पहले कई छक्के लगेंगे। आपको क्या लगता है?
(हंसते हुए) मैं नहीं जानता लेकिन लग सकते हैं। क्या होगा यह मोदी जी बता पाएंगे। उनके तरकश में कौन कौन से तीर हैं यह वक्त पर ही पता लगेगा। मैं तो इतना कहूंगा कि सरकार ने हर वर्ग के लिए जितना काम किया है वह किसी भी सरकार के मुकाबले ज्यादा है और जीत पक्की है। जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्हें जवाब देना होगा।

- आप शायद आरक्षण की बात कर रहे हैं। तो क्या यह मान लेना चाहिए कि यह चुनावी मंशा से लाया गया जैसा विपक्ष आरोप लगा रहे हैं?
जवाब- जब वीपी सिंह के काल में ओबीसी आरक्षण हुआ था तब भी उसे चुनावी मुद्दा बताया गया था। लेकिन आखिरकार तो ओबीसी को अधिकार मिला। सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण लाया गया है तो फिर आरोप लग रहा है। लेकिन यह तो तय हो गया कि अब इसका लाभ मिलेगा। कांग्रेस को बताना चाहिए कि चुनाव के लिए तो उसने भी बहुत कुछ किया लेकिन गरीब सवर्णों की सुध क्यों नहीं ली। बाकी राजद जैसे दल तो खैर इसका विरोध की कर रहे हैं।

- राजद ने विरोध किया था लेकिन पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह इसे चूक मानते हैं। तो क्या इसे भूल सुधार मान लेना चाहिए?
जवाब- राजद अब कुछ भी करे, उसे इसका हर्जाना भुगतना ही पड़ेगा। जनता उपाध्यक्ष की बात मानेगी या लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव की जो पार्टी चला रहे हैं। वह तो आज भी विरोध कर रहे हैं। यह कोई चूक नहीं है, रघुवंश की घबराहट है। यह इतिहास में शामिल हो गया है कि राजद ने अगड़ी जाति के गरीबों का विरोध किया था।

- राजनीतिक सफर में आप लालू जी के साथ भी रहे हैं। क्या लालू जी का रुख भी ऐसा ही था जो वर्तमान में राजद का है?
जवाब- लालू जी तो जेल में हैं वह क्या कह रहे हैं किसे पता। मैं इतना ही कहूंगा कि कर्पूरी ठाकुर जी के वक्त में गरीबों के लिए तीन फीसद आरक्षण की बात हुई थी। कैसे हटा पता कीजिए। आरक्षण का प्रत्यक्ष और परोक्ष विरोध करने वाले राजद, सपा जैसे सभी दलों से मैं पूछना चाहता हूं कि उनके विकास में क्या अगड़ी जाति के नेता का हाथ नहीं था। मैं तो कहता हूं कि मेरे आगे आने में कई अगड़ी जाति के नेताओं का था। लेकिन लालू जिस जेपी आंदोलन से जन्मे उसका नेतृत्व भी अगड़ी जाति के नेता कर रहे थे। इन्हें और इनकी पार्टी को जवाब देना होगा। चुनाव में जनता उनसे सवाल पूछेगी।

- हाल में तेजस्वी यादव मायावती से मिले थे और माना जा रहा है कि बिहार में भी मायावती महागठबंधन का हिस्सा होंगी। राजग को कितना नुकसान होगा?
जवाब- तेजस्वी जाकर मायावती के पांव छू लें इसके क्या फर्क पड़ता है। मायावती केवल 'ल' अक्षर जानती है यानी लो। तेजस्वी बताएं कि बिहार में कितनी सीटें देंगे। जहां तक असर की बात है तो बिहार में राजग अपने पुराने प्रदर्शन को फिर से दोहराएगा।

- आपके क्षेत्र हाजीपुर को लेकर बहुत उलझन है। आपकी जगह कौन लड़ेगा?
जवाब- देखिए, मैं पचास साल से राजनीति में हूं और कोई दाग नहीं लगा। लेकिन लोग परिवारवाद का आरोप लगाते हैं और जब हम उससे बाहर निकलना चाहते हैं तो उलझन खड़ी कर देते हैं। हाजीपुर से मैंने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी है लेकिन वहां की जनता मानने को तैयार नहीं है। मैं हाल में वहां गया था तो जनता की ओर से आग्रह किया जाने लगा कि आप नहीं तो परिवार से ही किसी को लड़ा दीजिए। मेरी पत्नी के बारे मे भी दबाव बनाया गया, हालांकि वह इसके लिए राजी नहीं हैं। जो भी निर्णय होता है वह देखना पड़ेगा।

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