कृषि कानूनों पर कोर्ट के फैसले के बाद होगी कोर कमिटी की बैठक: राकेश टिकैत

कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि सुनवाई खत्म होने के बाद वे कोर कमिटी की बैठक करेंगे और अपने कानूनी टीम के साथ मामले पर चर्चा करेंगे।

By Monika MinalEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 02:01 PM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 02:01 PM (IST)
कृषि कानूनों पर कोर्ट के फैसले के बाद होगी कोर कमिटी की बैठक: राकेश टिकैत
Farm laws: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसान यूनियन की होगी बैठक

गाजीपुर, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मंगलवार को कृषि कानूनों को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई  की गई। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Bharatiya Kisan Union spokesperson Rakesh Tikait) ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद वे मीटिंग करेंगे। उन्होंने कहा, 'कोर्ट की ओर से फैसला होने के बाद हम कोर कमिटी की बैठक बुलाएंगे और इसपर अपने लीगल टीम के साथ चर्चा करेंगे। इसके बाद हमें क्या करना है उसका फैसला करेंगे।' बता दें कि आज (मंगलवार) को किसानों के आंदोलन (Farmer's agitation) का 48वां दिन है।

कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की योजना बन रही है लेकिन अनिश्चितकाल के लिए नहीं। चीफ जस्टिस शरद बोबडे ने कहा कि कोर्ट एक कमिटी बना रहा है ताकि इन कानूनों की स्पष्ट तस्वीर सामने आए।

सोमवार को कोर्ट की ओर से दिए गए बयान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, 'हम कोर्ट के आभारी हैं कि हमारे मुद्दों पर उन्होंने विचार किया।' भारतीय किसान यूनियन के राज्य प्रभारी राजवीर जादवन (Rajveer Jadavan) ने भी इसपर अपनी सहमति जताई की सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकार की इस बात के लिए आलोचना कि वह किसानों के मामलों पर किसी तरह का फैसला नहीं ले रहा है और न ही इस समस्या का समाधान निकाल रहा है। 

जादवन ने कहा, 'किसानों की समस्या का समाधान निकालने में असफल सरकार की सुप्रीम कोर्ट ने निंदा की है व  कोर्ट की ओर से जारी बयान हालात को स्पष्ट करते हैं।'  मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच कर रही है जिसकी अगुवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) शरद अरविंद बोबडे कर रहे हैं। दरअसल, तीन कृषि कानूनों के संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाते हुए DMK सांसद तिरुची सिवा, राजद सांसद मनोज के झा ने कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें गत नवंबर माह से प्रदर्शनकारी किसानों के जारी आंदोलन को भी खत्म करने की मांग की। 

chat bot
आपका साथी