राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने संसदीय समिति की नियमित बैठकों के लिए तैयारी की समीक्षा की
शनिवार को नायडू ने कक्षों की उपलब्धता को लेकर भी लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और दोनों सदनों के महासचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की।
नई दिल्ली, पीटीआइ। मार्च से देशभर में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है। लॉकडाउन के चौथे चरण में रेल और विमान सेवा में छूट दी गई है। राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने विभागों से संबंधित संसद की स्थायी समितियों की नियमित बैठकों के आयोजन के लिए संसद के दोनों सचिवालयों की तैयारियों की समीक्षा की।
सूत्रों के मुताबिक दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के अधिकारी और ऐसी समितियों की समक्ष पेश होने वाले मंत्रालय के अधिकारियों की संख्या कम रखने को कहा गया है। इसके अलावा शनिवार को नायडू ने कक्षों की उपलब्धता को लेकर भी लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और दोनों सदनों के महासचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए। बैठक में दोनों पीठासीन अधिकारियों ने संसद की समितियों की नियमित व्यवहार्यता पर चर्चा की। सूत्रों ने जानकारी दी है कि इन समितियों के दौरान सभी तरह के दिशा-निर्देशों का भी पालन किया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए समितियों के समक्ष पेश होने वाले दोनों सचिवालयों और मंत्रालयों के अधिकारियों की संख्या कम रखने का फैसला किया गया है। इस बैठक में संसद भवन और उसके उपभवन में 24 विभागों से संबंधित स्थायी समितियों की नियमित बैठक के लिए नौ कक्ष और दोनों सदनों की समितियों की बैठक के लिए छह अन्य कक्षों की पहचान की गई है।
इसके अलावा अधिकारियों को सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन रखने के लिए अन्य कक्षों में माइक्रोफोन सुविधाओं के साथ बैठक की अतिरिक्त व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया है। बता दें कि हर विभाग से जुड़ी स्थाई समिति के 31 सदस्य होते हैं। इनमें से 21 लोकसभा के और 10 राज्यसभा के सदस्य होते हैं। इसके अलावा दोनों सदनों की अन्य स्थाई समितियों में कम सांसद होते हैं। सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा के सभापति ने सचिवालय के अधिकारियों को 37 नए सदस्यों के शपथग्रहण को सुगम बनाने के लिए कार्यक्रम बनाने का निर्देश दिया। ये सभी सदस्य निर्विरोध रूप से पहले ही निर्वाचित हो चुके हैं। इस मामले में नायडू और विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के बीच बात हुई।