रक्षा मंत्री ने कहा- मुझे विश्वास, जल्द ही दुनिया की सर्वश्रेष्ठ 3 नौसेनाओं में शामिल होगी इंडियन नेवी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने पहले दौरे पर गुरुवार शाम यहां दक्षिणी नौसेना कमान पहुंचे। उनके साथ नौसेनाध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह भी थे। दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल एके चावला ने उनका स्वागत किया।
कोच्चि, पीटीआई। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने वहां निर्माणाधीन पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत (आइएसी) का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि अगले साल स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर की शुरुआत भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर सही मायने में एक उपहार होगा। उन्होंने कहा कि विमानवाहक पोत के शामिल होने से नौसेना की ताकत बढ़ जाएगी। समुद्री क्षेत्रों में भारत के हितों को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी।
आइएसी को आइएनएस विक्रांत का नाम दिया जाएगा। इस साल इसका समुद्री परीक्षण पूरा कर लिया जाएगा और अगले साल इसका जलावतरण किए जाने की संभावना है। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि वो दिन दूर नहीं है जब इंडियन नेवी दुनिया की सर्वश्रेष्ठ तीन नौसेनाओं में शामिल होगी।
रक्षा मंत्री ने कहा, अगले साल स्वदेशी लड़ाकू विमान वाहक पोत की शुरुआत, आजादी के 75 साल पूरा होने पर सही मायने में एक उपहार होगा। इस युद्धपोत से देश की रक्षा क्षमता में जबरदस्त वृद्धि होगी। यह समुद्र में भारतीय हितों की सुरक्षा करने में मदद करेगा।
Commissioning of Indigenous Aircraft Carrier next year will be befitting tribute to 75 yrs of India’s Independence. Combat reach of aircraft carrier will add formidable capabilities in defence of country & help secure India’s interest in maritime domain: Defence Min Rajnath Singh pic.twitter.com/4hykzHjrpH
— ANI (@ANI) June 25, 2021
उन्होंने कहा कि आधुनिकीकरण के लिए हमारा प्रोत्साहन, भारत के स्वदेशी उद्योग और जानकारी का उपयोग करना एक प्रमुख प्राथमिकता है। भारतीय शिपयार्ड में बनाए जा रहे 44 युद्धपोतों में से 42 इस बात का प्रमाण हैं।
सिंह ने कहा कि भारतीय नौसेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, 'गलवन गतिरोध के दौरान नौसेना की सक्रिय अग्रिम तैनाती ने हमारे इरादे का संकेत दिया कि हम शांति चाहते हैं लेकिन किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि नौसेना ने कोविड के खिलाफ लड़ाई में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऑपरेशन समुद्र सेतु-I के दौरान विदेशों से भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया और समुद्र सेतु- II के दौरान COVID के खतरों के बावजूद लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन जहाजों द्वारा लाई गई।