ओमिक्रोन पर स्वास्थ्य सचिव की बैठक, वैरिएंट से बचने के लिए राज्यों को दिए छह सूत्रीय उपाय
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने इस नए वैरिएंट से बचाव के लिए मंथन किया। बैठक में उन्होंने राज्यों को कुछ खास उपाय बताए।
नई दिल्ली, एएनआइ। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के सामने आने के बाद दुनियाभर में हड़कंप मच गया है। इसका पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था, जिसके बाद तमाम देशों ने दक्षिणी अफ्रीकी देशों को लेकर यात्रा प्रतिबंध लगा दिए हैं। वहीं, भारत सरकार भी अलर्ट हो गई है और इससे बचने के लिए कदम उठा रही है। हालांकि अभी तक इसका कोई मामला देश में सामने नहीं आया है लेकिन केंद्र से लेकर राज्यों तक में चिंता बढ़ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने इस नए वैरिएंट से बचाव के लिए मंथन किया। बैठक में उन्होंने राज्यों को कुछ खास उपाय बताए।
उन्होंने कहा कि अगर राज्य इन उपायों को अपनाएंगे तो ओमिक्रोन वैरिएंट के बारे में जल्द से जल्द पता लगाकर उससे निपटने में आसानी होगी। इसके साथ ही राज्यों से जांच में वृद्धि करने का सुझाव दिया गया ताकि सही समय पर इस वैरिएंट को पकड़ा जा सके और केसों का मैनेजमेंट किया जा सके।
स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों से कहा कि कंटेनमेंट जोन तैयार किए जाएं और हर स्तर पर निगरानी बढ़ाई जाए। इसके अलावा राज्यों को हाटस्पाट की निगरानी भी बढ़ाने की सलाह दी गई है और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने को कहा। इस दौरान एक बार फिर से टीकाकरण में तेजी लाने पर जोर दिया गया।
इससे दो दिन पहले भी सरकार की तरफ से इस खतरनाक वायरस को लेकर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर गहन रोकथाम करने, निगरानी के उपाय बढ़ाने और कोरोना टीकाकरण तेज करने के निर्देश दिए थे।
डेल्टा वैरिएंट से कहीं ज्यादा खतरनाक है ओमिक्रोन
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के नए वैरिएंट को वैरिएंट आफ कंसर्न (VoC) की कैटेगरी में रखा है। WHO ने ही इसे ओमिक्रान नाम दिया है। माना जा रहा है कि यह कोरोना का अब तक का सबसे अधिक म्यूटेशन करने वाला वैरिएंट है। इस वजह से वैज्ञानिक इसे 'डरावना' बता रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह वैरिएंट भारत में दूसरी लहर और दुनिया के कई देशों में तीसरी लहर का कारण बने डेल्टा वैरिएंट से कहीं ज्यादा म्यूटेशन और तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है।