जनता के 'हथियार' से होगा वायु प्रदूषण पर वार, सीपीसीबी ने हवा में सुधार के लिए मांगे प्रस्ताव
दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर के 122 शहरों के वायु प्रदूषण पर अब जनता के ही हथियार से वार होगा। प्रस्ताव जनता के होंगे और उन पर क्रियान्वयन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से होगा। सर्वश्रेष्ठ प्रस्तावों को पुरस्कार दिए जाएंगे।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर के 122 शहरों के वायु प्रदूषण पर अब जनता के ही 'हथियार' से वार होगा। प्रस्ताव जनता के होंगे और उन पर क्रियान्वयन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सहयोग से होगा। दो श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ छह प्रस्तावों को लाखों रुपये के प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय का स्वच्छ वायु अभियान
सीपीसीबी ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के स्वच्छ वायु अभियान में शामिल 122 शहरों की हवा में सुधार के लिए टेक्नोलॉजी चैलेंज के तहत तकनीकी प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। ये प्रस्ताव व्यक्ति, व्यक्तियों का समूह, एनजीओ, कंपनी, संस्था, शैक्षिक संस्थान, निकाय एवं शोध संस्थान सहित कोई भी दे सकता है। प्रस्ताव दो श्रेणियों में दिए जा सकते हैं। शहरी क्षेत्रों में हॉटस्पॉट की हवा साफ करने और शहरी एवं ग्रामीण दोनों इलाकों में उड़ने वाले धूल कणों को नियंत्रण करने के लिए।
वायु ही नहीं, जल को भी कोई नुकसान न हो
सीपीसीबी के मुताबिक, कोई भी प्रस्ताव तकनीक और प्रौद्योगिकी आधारित होना चाहिए और साथ ही व्यावहारिक भी हो। उसकी स्वीकार्यता किसी अधिकृत लैब से जांची-परखी होनी चाहिए। इसके अलावा प्रस्ताव पर्यावरण अनुकूल भी होना चाहिए। मतलब, उससे वायु ही नहीं, जल को भी कोई नुकसान न हो। प्रस्ताव बिजनेस मॉडल पर आधारित होना चाहिए, जिससे उसका क्रियान्वयन भी सहज हो सके। प्रस्ताव एक दिसंबर से 15 मार्च, 2021 तक सीपीसीबी को ऑनलाइन ही जमा कराएं जाएंगे।
प्राप्त सभी प्रस्तावों को पुरस्कार के लिए चुना जाएगा
सीपीसीबी अधिकारियों के अनुसार, निर्धारित समयावधि में प्राप्त सभी प्रस्तावों को सात अलग-अलग पहलुओं पर जांच परखकर बाकायदा अंक दिए जाएंगे। दोनों श्रेणियों में सर्वाधिक अंक पाने वाले तीन-तीन प्रस्तावों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार के लिए चुना जाएगा। मालूम हो कि प्रथम पुरस्कार में पांच, द्वितीय पुरस्कार में तीन और तृतीय पुरस्कार में दो लाख रुपये की नकद राशि दी जाएगी।
प्रस्ताव तैयार करने वालों को जिम्मेदारी संभालनी होगी
अधिकारियों के मुताबिक, चयनित प्रस्तावों पर क्रियान्वयन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले चरण में सीपीसीबी भी पूरा सहयोग करेगा। इसके बाद फिर संबंधित प्रस्ताव तैयार करने वालों को ही इसकी जिम्मेदारी संभालनी होगी। बिजनेस मॉडल की तर्ज पर इसे दिल्ली-एनसीआर सहित देश भर में कहीं भी क्रियान्वित किया जा सकेगा। सीपीसीबी अधिकारियों के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में प्रदूषण की समस्या का हल निकालने के लिए किसी भी स्तर से बेहतर और कारगर प्रस्ताव आ सकते हैं। इसीलिए सीपीसीबी 'टेक्नोलॉजी चैलेंज फॉर आइडंटिफाइंग एंड प्रोमो¨टग सोल्यूशंस फॉर मिटिगे¨टग एंबिएंट एयर पोल्यूशन' नामक यह प्रतिस्पर्धा शुरू करने जा रहा है।