CAB Protests: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में यूपी, बंगाल और दिल्ली में जुलूस और तोड़फोड़

CAB Protests नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश बंगाल और दिल्ली में कई जमकर प्रदर्शन हुए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 09:44 PM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 07:18 AM (IST)
CAB Protests: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में यूपी, बंगाल और दिल्ली में जुलूस और तोड़फोड़
CAB Protests: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में यूपी, बंगाल और दिल्ली में जुलूस और तोड़फोड़

 नई दिल्ली, जेएनएन।  CAB Protests: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश, बंगाल, झारखंड और दिल्ली में प्रदर्शन हुए। बंगाल में कानून के विरोध में हजारों की संख्या में लोगों ने विभिन्न स्टेशनों में ट्रेन संचालन ठप कर दिया। रेल पटरी पर टायर जलाने के साथ ही स्टेशनों में भी तोड़फोड़ और आगजनी की गई। ट्रेनों में भी पथराव किया गया। रेल कर्मचारियों और आरपीएफ जवानों को दौड़ा कर पीटा गया। उलूबेरिया स्टेशन के टिकट काउंटर में उपद्रवियों ने धावा बोलकर करीब चार लाख की नगदी, आठ कम्प्यूटर समेत अन्य सामान लूट लिया।

रेलवे ने 26 इएमयू समेत कई पैसेंजर ट्रेनों को रद कर दिया। प्रदर्शनकारियों के तेवर के आगे रेल प्रशासन भी लाचार नजर आया। झारखंड के जमशेदपुर में भी विरोध प्रदर्शन के चलते हावड़ा-खड़गपुर रेलखंड पर परिचालन प्रभावित हुआ। उपद्रवियों ने ट्रेनों पर पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी भी की। इस कारण ढाई घंटे तक दुरंतो एक्सप्रेस को जमशेदपुर में रोक कर रखा गया। उपद्रवियों ने रेल कर्मचारियों और आरपीएफ जवानों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।

उप्र में भी जबरदस्त प्रदर्शन

उप्र में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में छात्रों ने चौथे दिन चार घंटे प्रदर्शन किया। छात्रों ने धक्का-मुक्की भी की जिसमें डीएम चंद्रभूषण सिंह गिरने से बचे। कई अन्य जिलों में भी लोग सड़क पर निकल आए। जुमे की नमाज के चलते अलीगढ़ शहर में पुलिस ने खास सर्तकता बरती। अलीगढ़ में गुरुवार रात 12 बजे से बंद की गई इंटरनेट सेवा शुक्रवार की देर शाम बहाल कर दी गई। सहारनपुर में जामा मस्जिद पर जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने विधेयक के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा किया।

देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रस्तावित प्रदर्शन को अनुमति न मिलने के कारण तकरीर आदि नहीं हुई। बुलंदशहर, बिजनौर में जमीयत-उलमा-ए-हिंद के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने विरोध जुलूस निकाला। बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली में जुमे की नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन हुआ। मेरठ में शहर काजी जैनुस साजिदीन ने कहा कि केंद्र सरकार मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है। आगरा में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के बाजार में सुबह से ही दुकानें नहीं खुलीं। जगह-जगह काले झंडे लगाए गए।

 

बंगाल में स्टेशनों में आगजनी-तोड़फोड़

बंगाल में भी इस कानून का विरोध हुआ। हजारों की संख्या में लोगों ने दक्षिण पूर्व रेलवे और पूर्व रेलवे के विभिन्न स्टेशनों में ट्रेन संचालन ठप कर दिया। रेल पटरी पर टायर जलाने के साथ ही स्टेशनों में भी तोड़फोड़ और आगजनी की गई। ट्रेनों में भी पथराव किया गया। रेल कर्मचारियों और आरपीएफ जवानों को दौड़ा कर पीटा गया।

विरोध में उतरे जामिया के छात्र-शिक्षक

नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में शुक्रवार को दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में स्थानीय लोग भी शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने का प्रयास करने पर पुलिस ने छात्रों पर लाठियां बरसाई तो प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस पर जमकर पथराव किया। कई छात्र व पुलिसकर्मी इस प्रदर्शन में घायल हुए हैं।

भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष पर हमला 

नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में बिहार के गया मे भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष कुमारी शोभा सिन्हा पर जानलेवा हमला किया गया। उनकी सफारी गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। उनके पति रामप्रवेश पासवान ने अज्ञात युवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा कार्रवाई की मांग की है।

पूर्वोत्तर हिंसा के कारण कई देशों ने नागरिकों को किया आगाह

पूर्वोत्तर राज्यों में हालात को देखते इजरायल, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों ने अपने नागरिकों को आगाह किया है कि वे फिलहाल भारत के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में जाने से बचें।

ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक संक्षिप्त विज्ञप्ति में कहा गया है, 'नागरिकता संशोधन अधिनियम के बाद देश के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में खास तौर पर असम और त्रिपुरा में हिंसात्मक प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में वहां जाने वालों को एहतियात बरतनी चाहिए।' फ्रांस ने अपने नागरिकों को पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा के साथ ही प्रदूषण की वजह से दिल्ली जाने को लेकर भी आगाह किया है।

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