असम के पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में पूर्व डीआइजी और भाजपा नेता पर इनाम घोषित

पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में अब तक कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। राज्य के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति ने कहा कि इस मामले में संलिप्त एक पूर्व पुलिस अधिकारी और भाजपा नेता पर इनाम की घोषणा की गई है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 08:18 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 08:18 AM (IST)
असम के पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में पूर्व डीआइजी और भाजपा नेता पर इनाम घोषित
मामले में अब तक कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

गुवाहाटी, प्रेट्र। असम के पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में सोमवार को छह और आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में अब तक कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भास्कर ज्योति ने कहा कि इस मामले में संलिप्त एक पूर्व पुलिस अधिकारी और भाजपा नेता पर इनाम की घोषणा की गई है।

मीडिया से बात करते हुए डीजीपी ने कहा कि आरोपित कितने भी बड़े हों, संलिप्तता पाए जाने पर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। कहा कि इस मामले हमें पूर्व डीआइजी पीके दत्ता और दीबान डेका की तलाश है। इनकी गिरफ्तारी के लिए इनाम की घोषणा की गई है।

इस दौरान सीआइडी, गुवाहाटी पुलिस और असम पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने अब तक हुई गिरफ्तारियों के बारे में जानकारी दी। दोनों मुख्य आरोपितों के बारे में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने विस्तार से जानकारी दी। कहा कि दत्ता और दीबान डेका की तलाश की जा रही है। दत्ता के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है। उनके द्वारा गैरकानूनी ढंग से कमाई गई संपत्ति की जांच कर इस संबंध में अलग से मामला दर्ज किया जाएगा।

इससे पहले जांच एजेंसियों ने दिबान डेका के आवास और ठिकानों पर भी छापे मारे। जांच दल ने डेका का लैपटॉप, बैंक पासबुक और अन्य दस्तावेज कब्जे में ले लिए हैं। डेका की पत्नी से आवास पर ही कई घंटे तक पूछताछ की गई। इस बीच जेल में बंद अखिल गोगोई ने कहा है कि प्रश्नपत्र लीक घोटाला मध्य प्रदेश में हुए व्यापम घोटाले से भी ज्यादा बड़ा है।

दूसरी तरफ गुरुवार को दिबान ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी कि वह भी पुलिस भर्ती की परीक्षा प्रक्रिया से जुड़े हुए हैं। हत्या के डर से वह असम छोड़ रहे हैं। क्योंकि इस मामले में असम पुलिस के कई बड़े और भ्रष्ट अधिकारी शामिल हैं।

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