अफगानिस्तान संकट पर जी-20 की अहम बैठक आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेंगे हिस्सा

एक दिन पहले विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि प्रधानमंत्री आज ग्रुप आफ 20 (G-20) एक्स्ट्रा आर्डिनरी लीडर्स के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। मंत्रालय के मुताबिक इतालवी राष्ट्रपति के निमंत्रण पर पीएम मोदी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

By Neel RajputEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 09:15 AM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 09:15 AM (IST)
अफगानिस्तान संकट पर जी-20 की अहम बैठक आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेंगे हिस्सा
अफगानिस्तान के ताजा हालातों पर होगी चर्चा

नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अफगानिस्तान के ताजा हालातों पर आयोजित जी20 की बैठक को संबोधित करेंगे। इस बैठक में अफगानिस्तान के लोगों तक जीवन की बुनियादी सुविधाओं की पहुंच बनाने और वहां फल-फूल रहे आतंकवाद से लड़ाई के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श होगा।

एक दिन पहले विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि प्रधानमंत्री आज ग्रुप आफ 20 (G-20) एक्स्ट्रा आर्डिनरी लीडर्स के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। मंत्रालय के मुताबिक, इतालवी राष्ट्रपति के निमंत्रण पर पीएम मोदी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

मंत्रालय ने आगे यह भी बताया कि बैठक के एजेंडे में अफगानिस्तान में मानवीय जरूरतों की प्रतिक्रिया और युद्धग्रस्त राष्ट्र में बुनियादी सेवाओं और आजीविका तक पहुंच पर चर्चा शामिल होगी। इसके अलावा एजेंडे में सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और गतिशीलता, प्रवास और मानवाधिकारों पर बातचीत भी शामिल होगी।

G-20 बैठक की घोषणा सबसे पहले 29 सितंबर को इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी ने की थी। यह बैठक रोम में 30 और 31 अक्टूबर को होने वाले जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन से कुछ सप्ताह पहले होगी।

समाचार एजेंसी रायटर के मुताबिक, ड्रैगी ने हाल ही में विश्व नेताओं से अफगानिस्तान संकट पर एक विशेष बैठक आयोजित करने की मांग की थी, ताकि युद्ध से तबाह राष्ट्र में सामने आने वाले संकट का सामना करने के लिए रणनीति तैयार की जा सके। बता दें कि तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन, विशेष रूप से महिलाओं और अल्पसंख्यकों को लेकर विश्व स्तर पर एक प्रमुख चिंता का विषय रहा है। यूरोपीय देशों ने भी संकट के बारे में अपनी आशंका व्यक्त की है जिससे प्रवासियों के बड़े पैमाने पर आने का खतरा भी जताया गया है।

ड्रैगी ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा था, हमें यह देखना होगा कि क्या जी20 देशों के बीच साझा उद्देश्य हैं...हम एक ऐसे बिंदु पर पहुंच गए हैं जहां हमें केवल जान बचाने की चिंता करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी अफगानिस्तान को आतंकवादियों का अड्डा बनने से रोकने के लिए रणनीति बनानी चाहिए।

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