स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की जयंती आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि

Lala Lajpat Rai birth anniversary लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) की जयंती के मौके पर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने श्रद्धांजलि अर्पित की और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को याद किया।

By Monika MinalEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 10:39 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 10:39 AM (IST)
स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की जयंती आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि
स्वतंत्रता सेनानी लाजपत राय की जयंती पर पीएम मोदी ने किया नमन

नई दिल्ली, एएनआइ।  लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) की जयंती के मौके पर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने श्रद्धांजलि अर्पित की और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को याद किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ' स्वतंत्रता संग्राम में उनके  योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है और इससे सभी पीढ़ी के लोगों को प्रेरणा मिलती है।' वर्ष 1865 में पंजाब के मोगा में जन्मे लाला लाजपत राय 'पंजाब केसरी'  यानि पंजाब के शेर के नाम से भी प्रसिद्ध हुए।  

महान स्वतंत्रता सेनानी पंजाब केसरी लाला लाजपत राय को उनकी जन्म-जयंती पर कोटि-कोटि नमन।

Remembering the great Lala Lajpat Rai Ji on his Jayanti. His contribution to India’s freedom struggle is indelible and inspires people across generations.

— Narendra Modi (@narendramodi) January 28, 2021

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'महान लाला लाजपत राय जी की जयंती पर उनको याद कर रहा हूं। भारत के स्वतंत्रताा संग्राम में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है और लोगों को इससे प्रेरणा मिलती है।'   

'लाल बाल पाल'  में  तीन स्वतंत्रता सेनानियों व समाज सुधारकों  में से एक लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) भी थे। इनके अलावा बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak) व बिपिन चंद्र पाल (Bipin Chandra Pal) हैं।   लाला लाजपत राय जीवनभर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ भारतीय राष्ट्रवाद को मजबूती से खड़ा करने की कोशिश में जुटे रहे। देश में पहले स्वदेशी बैंक की स्थापना का श्रेय उनको ही जाता है। पंजाब में लाला लाजपत राय ने पंजाब नेशनल बैंक के नाम से पहले स्वदेशी बैंक की नींव रखी थी।

साइमन कमीशन के खिलाफ किए गए आंदोलन से लाला लाजपत राय को अलग पहचान मिली। 3 फरवरी 1928 को जब साइमन कमीशन भारत आया था तब पूरे देश में इसके खिलाफ आग भड़की हुई थी। तब लाला लाजपत राय ने लाहौर में इस आंदोलन का नेतृत्व किया था। उनके आंदोलन से अंग्रेज सरकार हिल गई। अंग्रेजों ने विरोध करने वालों पर लाठियां बरसाई, इसी विरोध के दौरान लाला लाजपत राय 17 नवंबर 1928 को शहीद हो गए थे।

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