पाकिस्तान के ऊपर से गुजरा पीएम मोदी का विमान, सुरक्षा कारणों से अफगानिस्तान के रुट से बनाई दूरी
दो साल पहले पाकिस्तान ने पीएम के विमान को अपने क्षेत्र से जाने की अनुमति नहीं दी थी लेकिन आज अमेरिका जाने के दौरान पीएम मोदी का विमान पाकिस्तान के वायु क्षेत्र से होकर गुजरा है। हालांकि सुरक्षा कारणों से विमान अफगानिस्तान के वायु क्षेत्र से नहीं गया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) बुधवार को जब अमेरिका रवाना हुए तो उनका विमान पाकिस्तान के वायु क्षेत्र से गुजरा जिसके लिए इस्लामाबाद ने पहले ही अनुमति दे दी थी। वहीं सुरक्षा कारणों से प्रधानमंत्री का विमान अफगानिस्तान के वायुक्षेत्र में नहीं गया। हालांकि अभी सरकार की तरफ से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है कि प्रधानमंत्री मोदी का विमान पाकिस्तान के ऊपर से गुजरा है या नहीं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी के विमान ने पाकिस्तान के वायुक्षेत्र का इस्तेमाल किया है।
2019 में पाकिस्तान ने नहीं दी थी इजाजत
अक्टूबर 2019 में पाकिस्तान ने सऊदी अरब जाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के विमान को अपने वायु क्षेत्र से गुजरने की अनुमति नहीं दी थी। उसी साल सितंबर में भी पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री के विमान को अपने वायु क्षेत्र से जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटराडार24 के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी के विमान बोइंग 777-337(ईआर) ने नई दिल्ली से बुधवार सुबह 11:40 बजे अमेरिका के लिए उड़ान भरी। अमेरिका के लिए सीधी उड़ान के दौरान पीएम के विमान ने पाकिस्तान के साथ ही ईरान और अन्य देशों के वायु क्षेत्र का इस्तेमाल किया।
मांगी गई थी इजाजत
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी की फ्लाइट के लिए पाकिस्तान का एयरस्पेस इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी गई थी। इस्लामाबाद की तरफ से देर से हामी भरी गई। अगर पाकिस्तान से अनुमति नहीं मिलती तो वैसी स्थिति में प्रधानमंत्री की फ्लाइट के लिए वैकल्पिक रूट तैयार किया गया। तब प्रधानमंत्री नई दिल्ली से पहले जर्मनी के फ्रैंकफर्ट जाते और फिर वहां से अमेरिका के लिए रवाना होते।
15 घंटे से अधिक लगेगा समय
वैसे भारत से अमेरिका के लिए सीधा एयर रूट पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान होते हुए उत्तरी अटलांटिक महासागर से गुजरता है। परंतु, सुरक्षा कारणों से प्रधानमंत्री मोदी के विमान के एयर रूट को अफगानिस्तान से अलग रखा गया। सीधे रूट से प्रधानमंत्री का विशेष विमान अमेरिका पहुंचने में करीब 15 घंटे लेता, लेकिन अफगानिस्तान का वायु क्षेत्र इस्तेमाल नहीं करने से इसमें कुछ ज्यादा वक्त लग सकता है।