निर्धारित समय पर ही परीक्षाओं को कराने की तैयारी, नवंबर के अंत तक स्कूलों का पूरा हो जाएगा कोर्स भी

कोरोना संक्रमण के बीच जिस तरह से सभी एहतियातों के साथ स्कूलों और कालेजों को खोला जा रहा है और पढ़ाई शुरू की गई है उसमें परीक्षाओं को समय पर कराने में कोई अड़चन नहीं है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो छात्रों का हित उनके लिए अहम है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 06:41 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 06:47 PM (IST)
निर्धारित समय पर ही परीक्षाओं को कराने की तैयारी, नवंबर के अंत तक स्कूलों का पूरा हो जाएगा कोर्स भी
दिसंबर में प्री-बोर्ड की परीक्षाओं को कराने की है तैयारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यदि सब कुछ ठीक रहा, तो अगले साल यानी 2020-21 में होने वाली दसवीं और बारहवीं की बोर्ड और जेईई-नीट जैसी परीक्षाएं तय समय पर ही होगी। कोरोना के चलते गड़बड़ाए शैक्षणिक सत्र को पटरी पर लाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने तैयारी तेज कर दी है।

सीबीएसई (Central Board of Secondary Education) और एनटीए (National Testing Agency) योजना को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है। वैसे भी स्कूलों का कोर्स नंवबर अंत तक खत्म हो रहा है। ऐसे में प्री- बोर्ड की परीक्षाओं को पिछले साल की तरह दिसंबर में ही कराने की तैयारी है। स्कूलों के लिए बड़ी राहत की बात यह है कि कोरोना संकट के चलते शुरूआत में ही स्कूली पाठ्यक्रम को तीस फीसद तक कम कर दिया गया था। ऐसे में स्कूलों के बंद होने के बाद भी वह आनलाइन ही कोर्स को समय पर पढ़ाने में सफल रहे है।

शिक्षा मंत्रालय को छात्रों का हित है अहम

कोरोना संक्रमण के बीच जिस तरह से सभी एहतियातों के साथ स्कूलों और कालेजों को खोला जा रहा है और पढ़ाई शुरू की गई है, उसमें परीक्षाओं को समय पर कराने में कोई अड़चन नहीं है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो छात्रों का हित उनके लिए अहम है। उनके स्वास्थ्य की भी पूरी सुरक्षा की जाएगी। खासबात यह है कि शिक्षा मंत्रालय ने इस साल भी छात्रों के हितों को देखते हुए जेईई मेंस और नीट जैसी परीक्षां करायी थी।

समय पर परीक्षा कराने से शुरू हो सकेगा नया सत्र

हालांकि उस समय एक बड़ा वर्ग इन परीक्षाओं को रद्द करने की मांग कर रहा था। कुछ इसी तरह एनटीए अगले साल होने वाली परीक्षाओं को भी समय पर और कम समय के भीतर कराने को लेकर काम कर रहा है। शिक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक समय पर परीक्षाएं कराने से स्कूलों और कालेजों में भी समय से नया सत्र शुरु हो सकेगा। हालांकि योजना बना रहे अधिकारियों के सामने इसे लेकर कुछ अचड़ने भी है, जिन्हें दूर करने का रास्ता खंगाला जा रहा है। इनमें स्कूलों के बंद होने से प्रैक्टिकल वर्क का न हो पाना भी है।

जिन राज्यों में स्कूल खुल गए है, वहां बच्चों को इसके लिए समय मिल जाएगा, लेकिन अभी भी देश के कई राज्यों में स्कूल बंद ही है। ऐसे में बच्चों का प्रैक्टिकल कैसे होगा। या फिर उसकी जगह कोई और विकल्प तैयार किया जाएगा। परीक्षाओं में भी प्रैक्टिकल का काफी महत्व है। सीबीएसई ने बारहवीं में विज्ञान विषयों में इसके लिए तीस फीसद अंक निर्धारित कर रखा है।

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