केरल में गर्भवती महिला को तीन सरकारी अस्पतालों ने नहीं किया भर्ती, राज्य मानवाधिकार आयोग ने दर्ज किया केस

केरल में एक गर्भवती महिला को इलाज के लिए भर्ती ना करने के आरोप में 3 सरकारी अस्पताल पर शिंकजा कस गया है। तीनों अस्पताल द्वारा गर्भवती महिला को इलाज के लिए भर्ती ना करने के आरोप में मामला दर्ज हो गया है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 01:37 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 01:37 PM (IST)
केरल में गर्भवती महिला को तीन सरकारी अस्पतालों ने नहीं किया भर्ती, राज्य मानवाधिकार आयोग ने दर्ज किया केस
केरल में गर्भवती महिला को तीन सरकारी अस्पतालों ने नहीं किया भर्ती, दर्ज हुआ केस

तिरुवनंतपुरम, पीटीआइ। केरल में एक गर्भवती महिला को इलाज के लिए भर्ती ना करने के आरोप में 3 सरकारी अस्पताल पर शिंकजा कस गया है। तीनों अस्पताल द्वारा गर्भवती महिला को इलाज के लिए भर्ती ना करने के आरोप में मामला दर्ज हो गया है। केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने राज्य के तीन सरकारी अस्पतालों द्वारा एक गर्भवती महिला के इलाज से इनकार करने के मामले में खुद मामला दर्ज किया है, जिसके बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई थी।

छह दिन पहले ही शिशु की मौत हो गई थी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोल्लम जिले के कल्लुआथुक्कल की रहने वाली आठ महीने की गर्भवती मीरा ने बेचैनी होने के बाद अपने गृह जिले के दो अस्पतालों सहित श्री अवित्तम थिरुनल अस्पताल में इलाज की मांग की थी, लेकिन अधिकारी इसके लिए तैयार नहीं हुए और भर्ती करने से मना कर दिया था। अधिकार पैनल ने यहां एक बयान में कहा कि जब महिला को कोल्लम के सरकारी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया और प्रसव कराया गया तो पता चला कि छह दिन पहले शिशु की मौत हो गई थी।

आयोग ने दिए जांच के आदेश, तीन सप्ताह के भीतर जमा करानी होगी रिपोर्ट

आयोग की सदस्य वी के बीना कुमारी ने कोल्लम जिला चिकित्सा अधिकारी से शिकायत की और उन परिस्थितियों की जांच करने के लिए कहा है, जिनके तहत युवती को सरकारी अस्पतालों में इलाज करने से इनकार किया गया है। इसके साथ ही तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट जमा कराने को कहा है।

वहीं लव और नार्कोटिक्स जिहाद की चर्चाओं के बीच भारतीय मा‌र्क्सवादी पार्टी (माकपा) ने पढ़ी-लिखी युवतियों को भी आतंकवाद की राह पर ले जाने की कोशिशों पर चिंता जताई और उसके प्रति आगाह किया। केरल में सत्तारूढ़ माकपा ने यहां व्यावसायिक कालेजों में पढ़ रहीं युवतियों को लुभाकर सांप्रदायिकता व आतंकवाद की राह पर ले जाने के एक वर्ग की कोशिशों के प्रति सावधान किया है।

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