DATA STORY: प्रवासी भारतीयों की दुनिया में बढ़ी ताकत और अपनी जड़ों से जुड़ाव, बड़ी संख्या में आ रहे भारत
2014 में 5.43 मिलियन एनआरआई भारत आए। साल दर साल यह संख्या बढ़ती रही है। 2015 में 5.74 2016 में 6.22 2017 में 6.77 और 2018 में 6.87 मिलियन एनआरआई भारत आए। इसके बाद सबसे ज्यादा 2019 में 6.98 मिलियन एनआरआई भारत आए थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। हाल में 9 जनवरी को आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन पूरी तरह ऑनलाइन हुआ और दूसरे देशों में बसे भारतीय पिछले सालों की तरह भारत नहीं आ सके। कोरोना का यह दौर इसमें बाधक बना, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही वह पुराना दौर लौट आएगा, जब प्रवासी भारतीयों के दौरे भारत में फिर बढ़ जाएंगे। पिछले कुछ साल में प्रवासी भारतीयों की ताकत दुनियाभर में बढ़ी है और उनका अपनी जड़ों से जुड़ाव भी बढ़ा है।
स्टेटिस्का की रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में 5.43 मिलियन एनआरआई भारत आए। साल दर साल यह संख्या बढ़ती रही है। 2015 में 5.74, 2016 में 6.22, 2017 में 6.77 और 2018 में 6.87 मिलियन एनआरआई भारत आए। इसके बाद सबसे ज्यादा 2019 में 6.98 मिलियन एनआरआई भारत आए थे। यानी प्रवासी भारतीय भारत की खूब यात्रा कर रहे हैं और उनका अपनी जड़ों से जुड़ाव मजबूत हुआ है।
सबसे ज्यादा शिक्षित
ओईसीडी (आर्थिक सहयोग व विकास संगठन) द्वारा जारी डाटा के अनुसार, ओईसीडी देशों में 120 मिलियन प्रवासी रहते हैं। इनमें से 30 से 35 फीसदी काफी सुशिक्षित हैं। इसका अर्थ यह है कि उन्होंने कोई वोकेशनल या शैक्षिक ट्रेनिंग ले रखी है। यानी अमीर देशों में रहने वाले प्रवासियों में भारतीय ही सबसे ज्यादा शिक्षित हैं। इसके बाद चीन, फिलीपींस, यूके, जर्मनी और पोलैंड जैसे देशों के लोग हैं।
अब बात भारतीयों के बढ़ते प्रभाव की करते हैं। 20 जनवरी को भारतीय मूल की कमला हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी। वहीं उनके साथ भारतीय मूल के चार सांसदों- रो खन्ना, एमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति और प्रमिला जयपाल भी होंगी। इसी तरह, तरुण छाबड़ा, वनिता गुप्ता, सुमोना गुहा और शांति कलथिल समेत भारतीय मूल के 30 से ज्यादा लोगों को अमेरिका के अगले राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन में जगह मिलेगी। प्यू की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में हिंदू वयस्कों की संख्या अमेरिकी आबादी की एक फीसद है। हालांकि अमेरिकी कांग्रेस में इनका प्रतिनिधित्व 0.4 फीसद का ही है।
दुनिया में भारतीय आबादी
6.4 फीसद है भारतीय प्रवासियों की हिस्सेदारी दुनिया के कुल प्रवासियों में
1.75 करोड़ भारतीय मूल के लोग दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहते हैं
1.26 करोड़ एनआरआई हैं इसमें से, जिनके पास भारतीय पासपोर्ट हैं, लेकिन ज्यादातर विदेश में ही रहते हैं
किस देश में ज्यादा एनआरआई और भारतीय
विदेश मंत्रालय के 2019 के डाटा के अनुसार, यूएई में सबसे ज्यादा 34.19 लाख एनआरआई रहते हैं। इसके बाद सऊदी अरब में 25.92 लाख, अमेरिका में 12.80 लाख और कुवैत में 10.28 लाख भारतीय बसे हुए हैं। इसके बाद ओमान (7.79 लाख), कतर (6.91 लाख), नेपाल (6 लाख), यूके (3.51 लाख), सिंगापुर (3.50 लाख) और बहरीन (3.23 लाख) का स्थान है। वहीं कुल विदेश में बसे कुल भारतीयों की बात करें तो इसमें एनआरआई और वहां बस चुके भारतीय मूल के लोगों, दोनों की संख्या को जोड़ा जाता है। इस आधार पर ही ऊपर दिया गया चार्ट बना है।