Post Covid Problem: स्टेरॉयड ने नींद में भी डाला खलल, कोरोना होने के बाद अनिद्रा के शिकार हो रहे लोग

कोरोना से ठीक होने के बाद लोग अनिद्रा के शिकार हो रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह स्टेरॉयड है। इसका असर नींद को नियंत्रित करने वाले हाइपोथैलमिक पिट्यूटरी एडरिनल एक्सिस पर होता है। संक्रमण के दौरान मरीजों को स्टेरॉयड बाहर से इंजेक्शन या टैबलेट के तौर पर दिया गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 10:12 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 10:12 PM (IST)
Post Covid Problem: स्टेरॉयड ने नींद में भी डाला खलल, कोरोना होने के बाद अनिद्रा के शिकार हो रहे लोग
मनोचिकित्सकों के पास हर दिन 50 से 60 मरीज पहुंच रहे इलाज के लिए

शशिकांत तिवारी, भोपाल। कोरोना से ठीक होने के बाद लोग अनिद्रा के शिकार हो रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह स्टेरॉयड है। इसका असर नींद को नियंत्रित करने वाले हाइपोथैलमिक पिट्यूटरी एडरिनल एक्सिस पर होता है। दरअसल, कोरोना संक्रमण के दौरान मरीजों को स्टेरॉयड बाहर से इंजेक्शन या टैबलेट के तौर पर दिया गया है। इससे शरीर में प्राकृतिक रूप से स्टेरॉयड का बनना ड़़ेढ से दो महीने के लिए बंद हो जाता है। इसकी कमी से मेलाटोनिन हार्मोन भी नहीं बनता जो नींद लाने के लिए जरूरी है।

भोपाल के मनोचिकित्सकों के पास हर दिन 50 से 60 मरीज पहुंच रहे इलाज के लिए

उधर, स्टेरॉयड नहीं बनने और तनाव की वजह से अनिद्रा के लिए जिम्मेदार कार्टीसोल्स हार्मोन ज्यादा बनते हैं। राजधानी के सभी मनोचिकित्सकों के यहां मिलाकर हर दिन 50 से 60 मरीज अनिद्रा वाले पहुंच रहे हैं। यह सभी कोरोना से हाल ही में ठीक हुए हैं। कोरोना संक्रमित होने के बाद जिन लोगों को अनिद्रा की समस्या हो रही है उसमें स्टेरॉयड का ज्यादा उपयोग, एंग्जायटी डिसआर्डर, घबराहट की समस्या है।

लंबे समय तक स्टेरॉयड देना खतरनाक

बंसल अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी ने कहा कि अनिद्रा की शिकायत उन्हें ज्यादा हो रही है जो आइसीयू में भर्ती रहे। इसके अलावा उन लोगों को ज्यादा दिक्कत हो रही है जिन्हें लंबे समय तक स्टेरॉयड दिया गया है। उन्होंने बताया कि आइसीयू में रहने के बाद दिन-रात का फर्क पता नहीं चलता। इस वजह से नींद के लिए जरूरी मेलाटोनिन हार्मोन के उत्सर्जन का चक्र प्रभावित हो जाता है।

डॉ. सत्यकांत ने बताया कि अनिद्रा के शिकार लोगों में वे लोग बहुत ज्यादा प्रभावित हैं जिन्होंने स्वजन को खोया है और खुद कोरोना से प्रभावित हुए हैं। जेपी अस्पताल के चिकित्सा मनोवैज्ञानिक राहुल शर्मा ने बताया कि ओपीडी में हर दिन चार से पांच मरीज अनिद्रा की शिकायत लेकर आ रहे हैं।

50 फीसद मरीज अनिद्रा वाले

जेके अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. प्रीतेश गौतम ने कहा कि उनकी ओपीडी में आने वाले मरीजों में 50 फीसद ऐसे होते हैं जो कोरोना की वजह से अनिद्रा के शिकार हुए हैं। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक स्टेरॉयड का इस्तेमाल इसकी बड़ी वजह है। इसके असर से सुबह उठने के एक से दो घंटे बाद तक मूड खराब रहता है। स्टेरॉयड लेने वालों को साइकोसिस बीमारी भी हो रही है। इसमें व्यक्ति को भ्रम होने लगता है।

उसे लगता है कि लोग उसके बारे में बातें कर रहे हैं। अन्य भ्रम भी होते हैं, जिससे नींद पर असर पड़ता है। डॉ. गौतम ने बताया कि साइकोसिस की समस्या उनमें ज्यादा हो रही है जो कोरोना से संक्रमित होने के पहले भी किसी कारण से लंबे समय से स्टेरॉयड ले रहे थे। इसमें 18 से 30 साल के युवा भी शामिल हैं जो खेल में अच्छे प्रदर्शन के लिए स्टेरॉयड लेते हैं।

अच्छी नींद के लिए यह करें

- सोने वाले कमरे में अंधेरा रखें।

- सोने के करीब एक घंटे पहले से टीवी और मोबाइल स्क्रीन से दूर रहे हैं।

- सोने के पहले किताबें पढ़ें।

- जब नींद आने लगे, तभी सोने के लिए बिस्तर पर जाएं।

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