पूनावाला ने दी सफाई, कहा, भारत के लोगों की कीमत पर कभी नहीं किया वैक्सीन का निर्यात

पूनावाला ने कहा कि महामारी की कोई भौगोलिक सीमा नहीं है। अगर दुनिया के हर व्यक्ति को वैक्सीन नहीं लगती है तो हम भी सुरक्षित नहीं रह पाएंगे और वैश्विक सहभागिता से जुड़े होने के कारण कोवैक्स के प्रति हमारी भी प्रतिबद्धता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 09:35 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 09:35 PM (IST)
पूनावाला ने दी सफाई, कहा, भारत के लोगों की कीमत पर कभी नहीं किया वैक्सीन का निर्यात
भारत प्राथमिकता, दूसरे देशों को साल अंत में मिलेगी कोविशील्ड।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दूसरे देशों को वैक्सीन देने के मामले पर भारत में राजनीति गर्म है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने याद दिलाई है कि अंतरराष्ट्रीय कोवैक्स कार्यक्रम के तहत उसे भारत से वैक्सीन की अगली खेप चाहिए। हालांकि सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला ने कहा है कि इस साल के अंत तक ही कोवैक्स के तहत वैक्सीन की आपूर्ति शुरू की जाएगी।

भारत प्राथमिकता, दूसरे देशों को साल अंत में मिलेगी कोविशील्ड

यानी पहले भारत में इसकी आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में कर ली जाएगी। उसके बाद ही अंतरराष्ट्रीय बाध्यता को पूरा किया जाएगा। पूनावाला ने यह भी कहा कि उन्होंने भारत के लोगों की कीमत पर कभी वैक्सीन का निर्यात नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे देश में टीकाकरण अभियान के लिए प्रतिबद्ध हैं।

पूनावाला ने कहा- सीरम अब तक 20 करोड़ डोज वैक्सीन की आपूर्ति कर चुका

पूनावाला ने कहा कि सीरम अब तक 20 करोड़ डोज वैक्सीन की आपूर्ति कर चुका है। वैक्सीन के उत्पादन और आपूर्ति के लिहाज से सीरम दुनिया में तीसरे नंबर पर है। हम अपनी उत्पादन क्षमता को लगातार बढ़ा रहे हैं और भारत हमारी प्राथमिकता है। हम उम्मीद करते हैं कि इस साल के अंत तक हम कोवैक्स के तहत वैक्सीन की आपूर्ति शुरू कर पाएंगे।

पूनावाला ने कहा- हमने कभी भी भारत के हित से अलग होकर वैक्सीन का निर्यात नहीं किया

मंगलवार देर शाम सीरम की तरफ से जारी बयान में पूनावाला ने कहा है कि हमने कभी भी भारत के हित से अलग होकर वैक्सीन का निर्यात नहीं किया है। आगे भी देश में चल रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम की मदद के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। पूनावाला ने कहा कि हम दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश में शामिल हैं और इतनी बड़ी आबादी को दो-तीन महीने में वैक्सीन देने का काम पूरा नहीं किया जा सकता है। इस काम में कई प्रकार की चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया की पूरी आबादी को वैक्सीन देने में कम से कम दो-तीन साल का समय लग जाएगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा- सीरम को फिर से कोवैक्स के तहत वैक्सीन की आपूर्ति शुरू करनी चाहिए

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत में अब कोरोना संक्रमण की संख्या कम हो रही है। इसलिए सीरम को फिर से कोवैक्स के तहत वैक्सीन की आपूर्ति शुरू करनी चाहिए। जानकारों के मुताबिक कोवैक्स के तहत सीरम को इस साल फरवरी और मई के बीच 10 करोड़ डोज की आपूर्ति करनी थी, लेकिन सिर्फ 1.82 करोड़ डोज की आपूर्ति हो सकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की निगरानी में दुनिया के कम विकसित देशों के साथ अन्य देशों को कोवैक्स व्यवस्था के तहत वैक्सीन की आपूर्ति होनी है। एस्ट्राजेनेका से फार्मूला लेने के दौरान सीरम ने कोवैक्स व्यवस्था को वैक्सीन आपूर्ति करने के लिए करार किया था।

पूनावाला ने कहा- अगर दुनिया के हर व्यक्ति को वैक्सीन नहीं लगती है तो हम भी सुरक्षित नहीं 

पूनावाला ने कहा कि हमें इस बात को भी समझना चाहिए कि महामारी की कोई भौगोलिक सीमा नहीं है। अगर दुनिया के हर व्यक्ति को वैक्सीन नहीं लगती है तो हम भी सुरक्षित नहीं रह पाएंगे और वैश्विक सहभागिता से जुड़े होने के कारण कोवैक्स के प्रति हमारी भी प्रतिबद्धता है, ताकि वैक्सीन का वितरण वैश्विक रूप से हो सके। इस व्यवस्था के तहत सीरम पर ही यह बाध्यता इसलिए आई है, क्योंकि इसने विदेशी कंपनी से लाइसेंस लिया है और कच्चे माल की उपलब्धता के लिए भी करार है।

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