Coronavirus update news: कोरोना से बचाव के लिए पुलिसकर्मी थानों में प्रेशर कुकर से ले रहे भाप, जानें- देसी जुगाड़
Coronavirus update news पुलिसकर्मियों ने संक्रमण से बचाव के लिए अनूठी युक्ति अपनाई है। यहां थानों में खासतौर पर गैस और प्रेशर कुकर रखवाए गए हैं और इनसे भाप लेकर पुलिसकर्मी कोरोना से बचने के जतन कर रहे हैं।
मनीष असाटी, टीकमगढ़। मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में पुलिसकर्मियों ने संक्रमण से बचाव के लिए अनूठी युक्ति अपनाई है। यहां थानों में खासतौर पर गैस और प्रेशर कुकर रखवाए गए हैं और इनसे भाप लेकर पुलिसकर्मी कोरोना से बचने के जतन कर रहे हैं। कुकर में पाइप लाइन इस तरह जोड़ी गई है ताकि एक साथ तीन पुलिसकर्मी भाप ले सकें। पुलिस अधीक्षक आलोक कुमार सिंह द्वारा शुरू करवाई गई इस पहल की डॉक्टरों ने भी सराहना की है।
दरअसल, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने सबकी चिंता बढ़ा रखी है। कोरोना कर्फ्यू, रोको-टोको अभियान और चौराहों पर चेकिंग आदि में पुलिसकर्मी अनजान लोगों के संपर्क में भी आते हैं। इस दौरान कई पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में अब जिले में पुलिसकर्मियों को बाहर से थाने में आने के बाद या जाने के दौरान भाप लेना अनिवार्य किया गया है। इसका फायदा देख पुलिस जवानों में भी उत्साह है।
जुगाड़ की स्टीम थेरेपी
भाप या स्टीम थेरेपी के लिए सामान्य जुगाड़ लगाया गया है। एसपी कार्यालय और पुलिस लाइन के अलावा जिले के सात थानों और पांच पुलिस चौकियों में एक गैस चूल्हे पर प्रेशर कुकर रखा गया है। प्रेशर कुकर में सीटी के स्थान पर नोजल लगाया गया और इससे पाइप के माध्यम से तीन-चार स्थानों पर भाप निकाले जाने की व्यवस्था है। इसमें सादी या दवायुक्त भाप एक साथ करीब तीन-चार लोग ले लेते हैं।
प्रेशर कुकर के माध्यम से भाप लेने की योजना
भाप लेना पुरानी इलाज पद्धति है, इससे फेफड़ों में संक्रमण से बचाव होता है। बगैर किसी फिजूल खर्च के हमने प्रेशर कुकर के माध्यम से भाप लेने की योजना बनाई। यह अब सुचारू रूप से शुरू हो गई है। मैं स्वयं भी कार्यालय आने के बाद भाप लेता हूं। -आलोक कुमार सिंह, एसपी, निवाड़ी
संक्रमित होने के बाद भी भाप नियमित लेने की सलाह
कोरोना से लड़ाई में भाप लेना काफी कारगर है। भाप मुंह और नाक के माध्यम से अंदर जाती है, तो कोरोना वायरस को खत्म भी करती है। संक्रमित होने के बाद भी भाप नियमित लेने की सलाह दी जाती है। थानों में यह व्यवस्था की गई है, जो बेहद सराहनीय है। अन्य कार्यालय व आमजन भी इसे अपनाएं। - डॉ. एसके चौरसिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, टीकमगढ़ व निवाड़ी