असम में जघन्य मामलों में छह महीने में आरोप पत्र दाखिल करे पुलिस, मुख्यमंत्री सरमा ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा है कि दुष्कर्म हत्या नशीले पदार्थो की तस्करी अवैध वसूली और अवैध हथियार रखने के लंबित मामलों की जांच छह महीने में पूरी की जाए। सरमा ने ये निर्देश प्रदेश के सभी थानाध्यक्षों (एसएचओ) के साथ बैठक में दिए।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Mon, 05 Jul 2021 09:02 PM (IST) Updated:Mon, 05 Jul 2021 09:02 PM (IST)
असम में जघन्य मामलों में छह महीने में आरोप पत्र दाखिल करे पुलिस, मुख्यमंत्री सरमा ने दिए निर्देश
असम में जघन्य मामलों में छह महीने में आरोप पत्र दाखिल करे पुलिस, मुख्यमंत्री सरमा ने दिए निर्देश

गुवाहाटी, प्रेट्र। असम में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने राज्य पुलिस से जघन्य आपराधिक मामलों में छह महीने के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि दुष्कर्म, हत्या, नशीले पदार्थो की तस्करी, अवैध वसूली और अवैध हथियार रखने के लंबित मामलों की जांच छह महीने में पूरी की जाए।

सरमा ने ये निर्देश प्रदेश के सभी थानाध्यक्षों (एसएचओ) के साथ बैठक में दिए। राज्य में किसी भी मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की यह पहली बैठक थी। उन्होंने थाना प्रभारियों से कहा कि वे सभी लंबित मामलों के आरोप पत्र दाखिल करने और अपराधियों को दंडित कराने के कार्य में जुट जाएं। इस कार्य में वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग लें। सीआइडी की भी मदद लें। कहा कि अगर फोरेंसिक जांच में देरी के चलते आरोप पत्र तैयार न हो पा रहे हों तो अन्य प्रदेशों की फोरेंसिक लैब की मदद ली जाए। राज्य सरकार देश की चार-पांच उच्चस्तरीय प्रयोगशालाओं से फोरेंसिक जांच के लिए जल्द ही समझौता करेगी। मुख्यमंत्री सरमा के पास गृह विभाग भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी थाना क्षेत्र में एक महीने में दुष्कर्म की ज्यादा से ज्यादा पांच घटनाएं होती हैं और प्रत्येक घटना के लिए करीब तीन पन्ने का आरोप पत्र अदालत में दाखिल होता है। इसलिए उसमें देरी नहीं होनी चाहिए। पुलिसकर्मी पीडि़ता को मां, बहन या बेटी मानकर आरोप पत्र तैयार करें और अपराधी को दंडित कराएं। अगर समय से आरोप पत्र दाखिल हो जाएं तो 50 प्रतिशत लंबित मामलों का समय से निस्तारण हो जाएगा। पूरी व्यवस्था गतिशील हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि थानाध्यक्षों के साथ उनकी मुलाकात हर छह महीने बाद होगी। तब उन्हें लंबित जांचों के बारे में जानकारी देनी होगी। उल्लेखनीय है कि 2020 में असम में 1,21,609 संज्ञेय अपराध हुए थे।

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