LiFE Movement: पीएम मोदी आज करेंगे 'लाइफस्टाइल फार द एनवायरनमेंट मूवमेंट' की शुरुआत, बिल गेट्स समेत विश्व के कई दिग्गज होंगे शामिल

पीएम मोदी आज शाम वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए वैश्विक पहल लाइफस्टाइल फार द एनवायरनमेंट (LiFE) मूवमेंट का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स भी शामिल होंगे। पीएम ने 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान LiFE का विचार पेश किया था।

By Amit SinghEdited By: Publish:Sun, 05 Jun 2022 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jun 2022 07:00 AM (IST)
LiFE Movement: पीएम मोदी आज करेंगे 'लाइफस्टाइल फार द एनवायरनमेंट मूवमेंट' की शुरुआत, बिल गेट्स समेत विश्व के कई दिग्गज होंगे शामिल
आज LiFE Movement की शुरुआत करेंगे पीएम मोदी

नई दिल्ली, एएनआई: पीएम मोदी आज शाम 6 बजे वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए वैश्विक पहल 'लाइफस्टाइल फार द एनवायरनमेंट (LiFE) मूवमेंट' का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी का भाषण भी होगा। साथ ही इस कार्यक्रम में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स भी शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल ग्लासगो में 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान LiFE का विचार पेश किया था। यह विचार एक पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली को बढ़ावा देता है जो दिमागहीन और विनाशकारी उपभोग के बजाय सदुपयोग को बढ़ावा देता है। वहीं, हाल ही में वर्ल्ड इकोनामिक फोरम के दावोस एजेंडा 2022 में, पीएम मोदी ने P3 (प्रो-प्लैनेट पीपल) मूवमेंट की शुरुआत की। यह मूवमेंट भारत की जलवायु परिवर्तन प्रतिबद्धताओं को रेखांकित करता है। इस दौरान पीएम मोदी ने उन चुनौतियों की ओर इशारा किया जो हमारी जीवनशैली के कारण वातावरण को प्रभावित करती हैं।

वहीं, ग्लासगो में COP 26 में पीएम मोदी ने घोषणा की कि भारत ने 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। साथ ही भारत ने अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (आईएनडीसी) को भी अपडेट किया है जिसे 2030 तक पूरा किया जाना है। बता दें, सरकार ने देश की स्थापित अक्षय क्षमता को 500 GW तक बढ़ाने की योजना बनाई है। साथ ही, गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 फीसदी तक कम करना भी इस योजना में शामिल है।

पेरिस में आयोजित COP 21 में भी भारत ने इसी तरह की महत्वाकांक्षी घोषणाएं की थी। साल 2030 तक 2005 के स्तर से अर्थव्यवस्था-व्यापी उत्सर्जन तीव्रता को 33-35 फीसदी तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने पिछले साल अगस्त में घोषणा की थी कि देश में 100 GW अक्षय ऊर्जा क्षमता की स्थापना की गई है।

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