पीएम मोदी बोले, भारत और जापान की साझेदारी कोविड काल में वैश्विक स्थिरता के लिए सार्थक

मोदी ने कहा कि जापान के वर्तमान पीएम योशीहिदे सुगा प्रत्यक्ष वक्ता हैं। प्रधानमंत्री सुगा और मेरा मानना है कि कोविड-19 पर संकट के इस समय में भारत-जापान संबंधों और हमारे सहयोग ने वैश्विक सुरक्षा और विकास पर अधिक प्रभाव डाला है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sun, 27 Jun 2021 08:23 PM (IST) Updated:Sun, 27 Jun 2021 08:35 PM (IST)
पीएम मोदी बोले, भारत और जापान की साझेदारी कोविड काल में वैश्विक स्थिरता के लिए सार्थक
पीएम मोदी और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा की फाइल फोटो

अहमदाबाद, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और जापान की मित्रता और साझेदारी कोविड-19 के संकट के दौर में वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए और सार्थक हो गई है। उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को जारी रखने का आहान किया। पीएम ने यहां अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन (AMA) के परिसर में स्थापित जापानी जेन गार्डन और काइजेन अकादमी की स्थापना की बात कही। वीडियो कांफ्रेंसिंग पर अपने आखिरी पोस्ट में मोदी ने कहा कि यहां जेन गार्डन और काइजेन अकादमी का उद्घाटन भारत और जापान के बीच संबंधों की घटना और आधुनिकता का प्रतीक है।

मोदी ने कहा कि जापान के वर्तमान पीएम योशीहिदे सुगा प्रत्यक्ष वक्ता हैं। प्रधानमंत्री सुगा और मेरा मानना है कि कोविड-19 पर संकट के इस समय में भारत-जापान संबंधों और हमारे सहयोग ने वैश्विक सुरक्षा और विकास पर अधिक प्रभाव डाला है। अब यह जरूरी है कि हमारी दोस्ती और रिश्ते दिन-ब-दिन मजबूत होते जाएं। काइजेन अकादमी की स्थापना जैसे प्रयास इस रिश्ते का सुंदर प्रतिबिम्ब हैं।

जेन गार्डन और काइजेन अकादमी का उद्घाटन आधुनिकता का प्रतीक: पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि हमें अभी भी कई वर्षो से अतीत में दृढ़ विश्वास है और भविष्य के लिए एक दृष्टि है। परिणामस्वरूप, हम कई वर्षो से अपने अद्वितीय विचारों और सहयोगों को लगातार बढ़ावा दे रहे हैं। हमने जापान का एक विशेष संस्करण भी तैयार किया है। मोरे (भारत में जापान में अधिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए पुलिस अधिकारियों का एक समूह) पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) में एएमए द्वारा 'जेन-काइजेन' जापानी संस्कृति, संस्कृति, परिदृश्य और कला के विभिन्न पहलुओं को पेश करना चाहता है। मोदी ने कहा कि जेन गार्डन और काइजेन अकादमी में शुरू हुआ यह दौर भारत-जापान की घटना और आधुनिकता का प्रतीक था।

प्रधानमंत्री कहते हैं कि सदियों से भारतीयों ने योग और अध्यात्म के माध्यम से जो शांतिपूर्ण, सरल और आसान तरीका सीखा है, उसकी चमक वे यहां देखेंगे। उन्होंने कहा कि जापान में जेन भारत में ध्यान (विचार) है। और जहां तक काइजेन की अवधारणा का संबंध है, यह वर्तमान क्षण में हमारी सोच की शक्ति, निरंतर आगे बढ़ने की हमारी इच्छा का एक मजबूत प्रमाण है।

मोदी ने कहा कि वह चाहते हैं कि काइजेन अकादमी भारत में जापान की कार्य-संस्कृति को बढ़ावा दे और दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को बढ़ाए। हमें उन प्रयासों को नई गति देने की आवश्यकता है जो पहले से ही इन दिशानिर्देशों के अनुसार किए गए हैं। मोदी ने कहा कि 135 से अधिक जापानी कंपनियां गुजरात में आटोमोबाइल, बैंकिंग, निर्माण और फार्मा सहित क्षेत्रों में काम करती हैं। ये कंपनियां गुजरात के युवाओं को कौशल बढ़ाने वाली सेवाएं प्रदान करने में भी मदद कर रही हैं।

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