PM मोदी ने ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रईसी को दी बधाई, कहा- दोनों देशों के बीच मधुर संबंधों को लेकर आशान्वित
मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर महामहिम इब्राहिम रईसी को बधाई। मैं भारत और ईरान के बीच मधुर संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में कट्टरपंथी धड़े के प्रतिनिधि इब्राहिम रईसी की विजय के बाद अमेरिका के साथ ईरान के रिश्तों पर क्या असर होता है, यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन भारत ने यह संकेत दे दिया है कि वह रईसी की सरकार के साथ काम करने को तैयार है। पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को इब्राहिम रईसी को उनकी मिली जीत पर बधाई दी और उम्मीद जताई है कि दोनो देशों के रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए साथ काम करेंगे। रईसी की जीत पर अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को चिंता है कि हाल ही में बाइडन प्रशासन की तरफ से ईरान के साथ परमाणु प्रसार मुद्दे पर नए सिरे से बात करने के मिले संकेत पर पानी ना फिर जाए। अगर ऐसा होता है तो भारत और ईरान के रिश्तों पर भी असर पड़ेगा। वैसे ईरान की तरफ से कहा गया है कि रईसी निकटतम और दूरस्थ पड़ोसियों के साथ बेहतर रिश्तों के हिमायती हैं।
बोले पीएम- ईरान के गर्मजोशी वाले रिश्तों को और मजबूत बनाने के लिए तत्पर हूं
पीएम मोदी ने इंटरनेट मीडिया ट्विटर पर लिखा, 'इस्लामिक रिपब्लिक आफ ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में विजय हासिल करने पर माननीय इब्राहिम रईसी को बधाई। मैं उनके साथ भारत और ईरान के गर्मजोशी वाले रिश्तों को और मजबूत बनाने के लिए तत्पर हूं।' रईसी की जीत की सूचना मिलते ही उन्हें बधाई देकर पीएम नरेंद्र मोदी ने यह संदेश दिया है कि अमेरिकी दबाव के बावजूद वह ईरान के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे। बता दें कि वर्ष 2018-19 में ईरान पर अमेरिका की तरफ से नए सिरे से प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भारत और ईरान के रिश्तों में काफी ठंडापन आ गया है। पहले भारत ने ईरान से तेल खरीदना बंद किया। इसके बाद हाल ही में ईरान ने भी अपने एक प्रमुख गैस फील्ड से भारत की सरकारी तेल कंपनियों के कंसोर्टियम को एक तरह से बाहर कर दिया है। हालांकि पिछले वर्ष के अंत में विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तेहरान की यात्रा कर द्विपक्षीय रिश्तों को पटरी पर लाने की कोशिश की है।
चाबहार पोर्ट पर भी पड़ा अमेरिकी प्रतिबंधों का असर
अमेरिकी प्रतिबंध का असर भारत की मदद से ईरान में बनाये जा रहे चाबहार पोर्ट की प्रगति पर भी पड़ा है। भारत की तरफ से इस बंदरगाह निर्माण में सुस्ती दिखाने का आरोप ईरान की तरफ से लगाया जाता रहा है। इसी बीच ईरान ने चीन के साथ चाबहार पोर्ट के एक हिस्से को विकसित करने को लेकर भी बात करनी शुरू कर दी है। भारत और ईरान का द्विपक्षीय कारोबारी रिश्ता भी बहुत सीमित हो चुका है। जो बाइडन के अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के बाद यह संभावना बनी थी कि परमाणु नियंत्रण पर ईरान के साथ फिर बातचीत शुरू हो सकती है। इसको लेकर दोनो पक्षों में संपर्क भी साधा गया है। लेकिन अब रईसी के राष्ट्रपति बनने के बाद इस बारे में कुछ भी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है। रईसी अमेरिका व यूरोपीय देशों की नीतियों के वह सख्त खिलाफ रहे हैं।
रईसी के बारे में हो रहा है दुष्प्रचार
ईरान नई दिल्ली स्थित ईरान के दूतावास ने रविवार को एक विस्तृत नोट जारी कर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की चुनावी जीत को लोकतांत्रिक बताया और उनके खिलाफ दुष्प्रचार फैलाए जाने का आरोप लगाया। दूतावास ने कहा कि रईसी अपने अनुभव और सभी को साथ लेकर चलने की वजह से लोकतांत्रिक तरीके से हुए चुनाव में विजयी हुए हैं। ईरान के दुश्मन उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं।