petrol diesel price: पेट्रोल-डीजल के दाम में और बढ़ोतरी के आसार, कच्चे तेल के दाम में बड़े उछाल की आशंका

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम आने फिलहाल देश के अनुकूल स्तर पर आता नहीं दिख रहा है। सरकारी तेल कंपनियों का आकलन कहता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में तेजी का रूख फिर से बन चुका है जिसका असर घरेलू बाजार में दिखाई देगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 07:25 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 07:25 PM (IST)
petrol diesel price: पेट्रोल-डीजल के दाम में और बढ़ोतरी के आसार, कच्चे तेल के दाम में बड़े उछाल की आशंका
सरकारी तेल कंपनियों को आने वाले दिनों में कच्चे तेल के दाम में बड़े उछाल की आशंका (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले एक पखवाड़े से देश में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम आने फिलहाल देश के अनुकूल स्तर पर आता नहीं दिख रहा है। सरकारी तेल कंपनियों का आकलन कहता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में तेजी का रूख फिर से बन चुका है जिसका असर घरेलू बाजार में निश्चित तौर पर दिखाई देगा।

पिछले सप्ताह शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 75.31 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गई। हालांकि इसमें इस सप्ताह थोड़ी नरमी देखी गई है। लेकिन जानकारों का कहना है कि इसमें आने वाले दिनों में और इजाफा होगा। तेल कंपनियों के अनुसार ऐसी परिस्थिति में मूल्य वृद्धि को ज्यादा दिनों तक रोके रखना संभव नहीं हो सकेगा।

पिछले 10 दिनों में कच्चा तेल लगभग तीन डालर प्रति बैरल महंगा हुआ

पिछले 10 दिनों में कच्चा तेल लगभग तीन डालर प्रति बैरल महंगा हुआ है। यह पिछले छह हफ्तों का शीर्ष स्तर है। तेल कंपनियों को लगता है कि डीजल की मांग इस बार त्योहारी सीजन के दौरान कोरोना से पहले के स्तर पर पहुंच जाएगी। सरकारी तेल कंपनियों की तरफ से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष 20 अगस्त तक कच्चे तेल के दाम में गिरावट का जो दौर था, वह अब खत्म हो चुका है। इसके पीछे कई कारण हैं। एक तो वैश्विक इकोनामी में तेजी से सुधार की संभावना तेज हुई है। अमेरिका के कच्चा तेल भंडार में कमी की रिपोर्ट आने से भी अंतरराष्ट्रीय बाजार को मजबूती मिली है।

पर्सनल गाडि़यों का प्रचलन बढ़ने से पेट्रो ईधन की मांग बढ़ी

समूचे एशिया-प्रशांत क्षेत्र, यूरोप में और अमेरिका में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग बढ़ी है। कोरोना संकट के बाद पर्सनल गाडि़यों का प्रचलन बढ़ने से पेट्रो ईधन की मांग बढ़ने लगी है। इसके विपरीत वैश्विक बाजार से आपूर्ति की रफ्तार सुस्त है। सरकारी तेल कंपनियों ने पिछली बार पेट्रोल व डीजल की कीमत मे संशोधन पांच सितंबर को किया था। तब इन दोनो की कीमतों में 15-15 पैसे प्रति लीटर की कमी की गई थी।

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