सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका, सीबीएसई की बारहवीं की परीक्षा रद करने की मांग

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है जिसमें सीबीएसई की बारहवीं की परीक्षा निरस्त किए जाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि बारहवीं के रिजल्ट घोषित करने की तय समयसीमा में एक वस्तुनिष्ठ प्रणाली तैयार की जाए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 08:45 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 09:37 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका, सीबीएसई की बारहवीं की परीक्षा रद करने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है जिसमें सीबीएसई की बारहवीं की परीक्षा निरस्त किए जाने की मांग की गई

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है जिसमें सीबीएसई की बारहवीं की परीक्षा निरस्त किए जाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि बारहवीं के रिजल्ट घोषित करने की तय समयसीमा में एक वस्तुनिष्ठ प्रणाली तैयार की जाए। ममता शर्मा की ओर से दाखिल की गई इस जनहित याचिका में केंद्र सरकार, सीबीएसई और सीआइसीएसइ को पक्षकार बनाते हुए निर्देश मांगा गया है।

याचिका में दोनों बोर्ड द्वारा जारी नोटीफिकेशन के उस अंश को रद करने की बात कही गई है जो बारहवीं की परीक्षा टालने की बात करते हैं।सीबीएसई ने 14 अप्रैल को कक्षा 10 की परीक्षा निरस्त कर दी थी और कक्षा 12 की परीक्षा टालने की घोषणा की थी। इसी तरह सीआइएससीई ने 16 और 19 अप्रैल के सर्कुलर में कक्षा 10 की परीक्षा निरस्त कर दी थी और कक्षा 12 की परीक्षा अनिश्चितकाल के लिए टालने की घोषणा की थी। याचिकाकर्ता ममता शर्मा ने कोर्ट से कहा है कि छात्रों के पूर्व ग्रेड के आधार पर बारहवीं का रिजल्ट घोषित किया जाए। यह परीक्षा चार मई से होनी थी, लेकिन अप्रैल में ही कोरोना का भयावह रूप सामने आने लगा। इसी दौरान देश में कोरोना के मामले बेतहाशा बढ़ने लगे। उसके बाद 10वी की परीक्षा रद करने और 12 वीं की परीक्षा स्थगित करने का फैसला लिया गया।     

परीक्षा कराने का भी विकल्प

सीबीएसई ने 12वीं की परीक्षा स्थगित कर दी थी। उसे एक बार फिर कराने पर के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। 12 वीं की परीक्षा आनलाइन परीक्षा लेने को एक धड़ा सहमति जता रहा है। इस खबर से छात्रों-अभिभावकों में खलबली मच गई है। अभिभावकों ने कहा कि यदि सचमुच ऐसा हो गया तो बहुत परेशानी होगी। कई छात्रों ने यह सोचकर पढ़ाई छोड़ दी थी कि अब परीक्षा नहीं होगी। लेकिन यदि सीबीएसई ऐसा करती है तो उन्हें फिर से पढ़ना होगा। इसके लिए सीबीएसई को कम से कम एक माह का समय देना होगा, वरना कई बच्चों का कॅरियर खराब हो जाएगा।

 
हालांकि सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि फिर से परीक्षा कराने को लेकर मई तक ही कोई निर्णय लिया जा सकता है। पहले सीबीएसई ने कहा था कि जून में परीक्षा हो सकती है। छात्रों को 15 दिन का समय दिया जाएगा। कई शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि 12 वीं की परीक्षा स्थिति को देखते हुए जुलाई या अगस्त में कराई जा सकती है।          
chat bot
आपका साथी