तिरुअनंतपुरम हवाई अड्डे को पट्टे पर देने के खिलाफ याचिका केरल उच्च न्यायालय में खारिज
हवाई अड्डा पट्टे पर देने के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार और अन्य की दलीलों को नामंजूर कर दिया। केरल सरकार ने इस मामले में स्थगन आदेश के लिए 21 अगस्त को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
कोच्चि, प्रेट्र। केरल उच्च न्यायालय ने तिरुअनंतपुरम हवाई अड्डा अडानी एंटरप्राइजेज को पट्टे पर देने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ दायर राज्य सरकार और अन्य की याचिकाओं को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और सीएस डियाज की खंडपीठ ने हवाईअड्डा पट्टे पर देने के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार और अन्य की दलीलों को नामंजूर कर दिया। केरल सरकार ने इस मामले में स्थगन आदेश के लिए 21 अगस्त को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
राज्य सरकार ने केरल में सर्वदलीय बैठक के बाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार से फैसले को वापस लेने की मांग की गई थी। इससे पहले पिछले साल उच्च न्यायालय ने केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत यह विचार करने योग्य नहीं है। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को रद करते हुए उससे इसकी मेरिट पर विचार करने को कहा।
जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों को लीज पर देने के प्रस्ताव को सरकार ने दी हरी झंडी
इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट ने जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए लीज पर देने के प्रस्ताव को बुधवार को अपनी मंजूरी दे दी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अन्य अहम प्रस्तावों पर भी फैसला किया गया। जावड़ेकर ने बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के इन तीन हवाई अड्डों को पीपीपी मॉडल पर लीज पर देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई है। जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि इन हवाई अड्डों को निजी डेवलपर्स को लीज पर देने के लिए AAI को 1,070 करोड़ रुपये का अपफ्रंट पेमेंट मिलेगा।