कोवैक्सीन की दोनों डोज ले चुका शख्स बोला- सऊदी में भारतीय वैक्सीन को मान्यता नहीं, कैसे जाएं काम पर? कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

याचिकाकर्ता ने कहा भारतीय प्रवासी जिन्हें काम के लिए सऊदी अरब लौटना पड़ेगा उन्हें कोविशील्ड वैक्सीन के साथ फिर से टीका लगाने की अनुमति दी जाए क्योंकि सऊदी में कोवैक्सीन को मान्यता नहीं है। याचिकाकर्ता ने बताया कि उसने पहले ही कोवैक्सीन के दोनों टीके लगवा लिए हैं।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 03:01 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 04:11 PM (IST)
कोवैक्सीन की दोनों डोज ले चुका शख्स बोला- सऊदी में भारतीय वैक्सीन को मान्यता नहीं, कैसे जाएं काम पर? कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
कोवैक्सीन की दोनों डोज ले चुका शख्स बोला- सऊदी में भारतीय वैक्सीन को मान्यता नहीं, कैसे जाऊं काम पे?

कोच्चि, एएनआइ। भारत में सबसे पहले स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन के साथ टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी। इसके बाद रूस की वैक्सीन भी देश में लगने लगी। हालांकि, कोविशील्ड व रूस स्पुतनिक वी को मान्यता मिल गई है, लेकिन भारत की स्वदेशी वैक्सीन अब भी मान्यता प्राप्त करने के लिए लड़ाई लड़ रही है। इस बीच देश में एक मामला ऐसा आया है, जिसके बाद सरकार पर कई सवाल खड़े होने जा रहे हैं। केरल के एक शख्स ने केरल हाई कोर्ट में याचिका डाली है, जिसमें कहा गया है कि उसने कोवैक्सीन की दोनों डोज ले ली है और उसे सऊदी अरब काम के लिए जाना है, मगर वो नहीं जा सकता क्योंकि वहां कोवैक्सीन को मान्यता नहीं है।

हाई कोर्ट के समक्ष इस याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा गया है। याचिकाकर्ता ने कहा, 'भारतीय प्रवासी जिन्हें काम के लिए सऊदी अरब लौटना पड़ेगा, उन्हें कोविशील्ड वैक्सीन के साथ फिर से टीका लगाने की अनुमति दी जाए, क्योंकि सऊदी में कोवैक्सीन को मान्यता नहीं है।' याचिकाकर्ता ने बताया कि उसने पहले ही कोवैक्सीन के दोनों टीके लगवा लिए हैं। अब इसपर केंद्र से जवाब मांगा गया है।

बता दें कि केरल में देश के कुल मामलों के आधे मामले दर्ज होते रहे हैं। वहां केंद्र ने अपनी टीमें भी भेजी है, जो संक्रमण पर रोक लगाने के लिए काम कर रही हैं। वहीं, पिछले घंटों केरल में मामले फिर बढ़ें हैं। केरल में फिर नए मामले 20 हजार को पार कर गए हैं। इसके चलते पूरे देश में पिछले 24 घंटे के दौरान नए मामलों का आंकड़ा 40 हजार को पार कर गया है। नए मामलों के बढ़ने और उसकी तुलना में कम मरीजों के ठीक होने से सक्रिय मामलों में पांच हजार से ज्यादा की वृद्धि हुई है।

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