मैसेज देखकर टीका लगवाने पहुंचे तो पता चला कि कई दिन पहले बंद हो चुका है केंद्र
इस बात की निगरानी ही नहीं हो रही है कि पोर्टल से इस तरह के मैसेज कितने लोगों को और कैसे जारी हो रहे हैं। दूसरा डोज लगवाने के लिए कोविन पोर्टल से गलत मैसेज आ रहे हैं इस वजह से लोगों को परेशानी हो रही है।
भोपाल [शशिकांत तिवारी]। कोरोना के टीकाकरण के लिए बनाए गए कोविन पोर्टल पर एक और गड़बड़ी सामने आई है। वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाने के लिए पात्र लोगों के पास ऐसे केंद्रों पर जाने के लिए एसएमएस (मैसेज) आ रहे हैं, जहां टीकाकरण करीब 10 दिन पहले ही बंद हो चुका है।
पूरे मध्य प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना का टीकाकरण नहीं होता, इसके बाद भी भोपाल में कुछ लोगों को दूसरा डोज लगवाने के लिए मैसेज भेज दिया गया। इस पर भरोसा कर जब लोग टीकाकरण केंद्र पहुंचे तो उन्हें निराशा हाथ लगी। इसके पीछे भोपाल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भी लापरवाही सामने आई है। दरअसल, इस बात की निगरानी ही नहीं हो रही है कि पोर्टल से इस तरह के मैसेज कितने लोगों को और कैसे जारी हो रहे हैं। इस संबंध में भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डा. प्रभाकर तिवारी का कहना है कि मैसेज भारत सरकार की तरफ से भेजे जाते हैं, हमारा कोई लेना-देना नहीं है।
ये हुए परेशान
शुक्रवार को मैसेज आने के बाद बरखेड़ा पठानी सिविल डिस्पेंसरी में वैक्सीन लगवाने पहुंचे राकेश यादव ने बताया कि अस्पताल पहुंचे तो कर्मचारियों ने टीका लगाने से मना कर दिया। दुर्व्यवहार भी किया। राकेश की तरह यहां पर दो और लोग गलत मैसेज के चलते टीका लगवाने पहुंच गए थे।
इक्का-दुक्का लोगों को ही दूसरा डोज लगवाने के लिए आ रहे मैसेज
टीका का पहला डोज लगवाने के दौरान लोगों को बताया गया था कि दूसरा डोज लगाने के लिए एसएमएस भेजा जाएगा, लेकिन इक्का-दुक्का लोगों को ही यह भेजा जा रहा है, वह भी गलत। पहले बताया गया था कि 28 दिन बाद दूसरा डोज लगेगा। अब कोवैक्सीन का दूसरा डोज चार से छह सप्ताह और कोविशील्ड का छह से आठ हफ्ते बाद लगवाने को कहा जा रहा है। इसके बाद भी दूसरा डोज लगवाने के लिए एसएमएस नहीं भेजा जा रहा है।
कोविन पोर्टल में आ रही हैं इस तरह की दिक्कतें
राज्य के टीकाकरण अधिकारी डा. संतोष शुक्ला ने बताया, 'दूसरा डोज लगवाने के लिए भी लोगों को एसएमएस भेजे जा रहे हैं। कोविन पोर्टल से एसएमएस भेजे जाते हैं। तकनीकी दिक्कत के चलते हो सकता है कि कुछ मैसेज गलत चले गए हों। हालांकि, मेरी जानकारी में ऐसा मामला नहीं आया है।'