चीन-भूटान सीमा पर तीन साल से नहीं हुई कोई घुसपैठ, गृह मंत्रालय ने दी लोकसभा में जानकारी

सीमाओं पर घुसपैठ के सवाल पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निशीथ प्रमाणिक ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि पिछले तीन साल में चीन और भूटान सीमा पर घुसपैठ की कोई घटना नहीं हुई है। सांसद चिराग पासवान ने इसे लेकर सवाल किया था।

By TaniskEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 08:01 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 08:01 PM (IST)
चीन-भूटान सीमा पर तीन साल से नहीं हुई कोई घुसपैठ, गृह मंत्रालय ने दी लोकसभा में जानकारी
चीन-भूटान सीमा पर तीन साल से नहीं हुई कोई घुसपैठ।

नई दिल्ली, एएनआइ। सीमाओं पर घुसपैठ के सवाल पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निशीथ प्रमाणिक ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि पिछले तीन साल में चीन और भूटान सीमा पर घुसपैठ की कोई घटना नहीं हुई है। सांसद चिराग पासवान ने पिछले तीन साल के दौरान सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ के विभिन्न मामलों और इस संबंध में सरकार की ओर से की गई कार्रवाई के बारे में सवाल किया था।

लिखित जवाब में प्रमाणिक ने बताया, 'पाकिस्तान से लगती सीमा पर घुसपैठ की 128 घटनाएं, बांग्लादेश से लगती सीमा पर 1,787 घटनाएं, नेपाल से लगती सीमा पर 25 घटनाएं, म्यांमार से लगती सीमा पर 133 घटनाएं और चीन एवं भूटान सीमा पर कोई घटना नहीं हुई।' उन्होंने आगे कहा, 'इन घटनाओं से सीमा की सुरक्षा में लगे बल राज्य सरकार समेत अन्य सरकारी एजेंसियों से करीबी समन्वय बनाकर निपटते हैं।'

जनसंख्या अनुपात में तेजी से वृद्धि के मद्देनजर खासकर सीमावर्ती इलाकों में, क्या सरकार ने घुसपैठ की निगरानी और रोकथाम के लिए विशेष निगरानी दल गठित करने का प्रस्ताव किया है, इस सवाल पर प्रमाणिक ने कहा कि सीमा की सुरक्षा करने वाले बल घुसपैठ की निगरानी कर रहे हैं और उसकी रोकथाम के लिए कदम उठा रहे हैं।

ऐसे इलाकों में जनसंख्या असंतुलन से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में पूछे जाने पर प्रमाणिक ने कहा कि सरकार ने सीमा पार से घुसपैठ रोकने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है जिनमें अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सीमा की सुरक्षा करने वाले बलों की तैनाती, सीमा पर बाड़ व फ्लडलाइटें लगाना, गश्त के जरिये सीमाओं पर प्रभावी प्रभुत्व स्थापित करना, सीमाओं पर निगरानी चौकियों में जवानों की तैनाती, संवेदनशील बार्डर आउट पोस्ट की मैपिंग, हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर व नाइट विजन डिवाइस जैसे विशेष निगरानी उपकरणों व वाहनों की तैनाती शामिल हैं।

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