भारत में ड्रग तस्करी: पाकिस्तान निकला असली खिलाड़ी, सप्लाई के पीछे ISI कनेक्शन आया सामने

ईरान के रास्ते तीन हजार किलोग्राम हेरोइन की तस्करी को भले ही तालिबान से जोड़कर देखा जा रहा है लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार इसके पीछे पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आइएसआइ का असली हाथ है। वह इससे जुटाए धन का उपयोग आतंकी संगठनों की फंडिंग के लिए करता है।

By TaniskEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 10:22 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 10:27 PM (IST)
भारत में ड्रग तस्करी: पाकिस्तान निकला असली खिलाड़ी, सप्लाई के पीछे ISI कनेक्शन आया सामने
तीन हजार किग्रा हेरोइन की सप्लाई के पीछे आइएसआइ का हाथ। ( फाइल फोटो )

नीलू रंजन, नई दिल्ली। ईरान के रास्ते तीन हजार किलोग्राम हेरोइन की तस्करी को भले ही तालिबान से जोड़कर देखा जा रहा है और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) इस सिलसिले में दो अफगानियों को गिरफ्तार कर पूछताछ भी कर रही है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार इसके पीछे पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आइएसआइ का असली हाथ है। आइएसआइ ड्रग तस्करी से जुटाए धन का उपयोग तालिबान समेत अन्य आतंकी संगठनों की फंडिंग के लिए करती है।

केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हेरोइन तस्करी के पीछे आइएसआइ का हाथ होना महज आरोप नहीं है, बल्कि इसकी ठोस वजह है। उनके अनुसार अफगानिस्तान में अफीम की खेती होती है, इसे दुनिया जानती है। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि अफीम से हेरोइन बनाने की तकनीकी महारत तालिबान के पास नहीं है।तालिबान को अफीम की तस्करी के लिए जिम्मेदार तो ठहराया जा सकता है, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में हेरोइन का उत्पादन और तस्करी उसके बस की बात नहीं है।

आइएसआइ की निगरानी में अफीम से हेरोइन बनाने का काम

उन्होंने कहा कि असल में अफगानिस्तान में उत्पादित अफीम को पाकिस्तान लाया जाता है। पाकिस्तान के भीतर आइएसआइ की निगरानी में अफीम से हेरोइन बनाने का काम संगठित रूप में किया जाता है और वहां से उसे दुनिया के दूसरे देशों में सप्लाई की जाती है। पकड़े जाने की स्थिति में सीधे तौर पर आइएसआइ का नाम नहीं आकर तालिबान को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है।

 कंगाल पाकिस्तान आतंकी फंडिंग के लिए ड्रग तस्करी पर निर्भर

आइएसआइ की गतिविधियों पर बारिकी नजर रखने वाली सुरक्षा एजेंसियों के अन्य एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के बाद आतंकी गतिविधियों को चलाए रखने के लिए ड्रग तस्करी पर उसकी निर्भरता बढ़ती जा रही है। उनके अनुसार इसके पहले आइएसआइ को एक साथ इतनी बड़ी मात्रा में हेरोइन तस्करी की कोशिश करते नहीं देखा गया था। एक साथ 21 हजार करोड़ रुपये की हेरोइन की तस्करी का खतरा मोल लेना आइएसआइ की फंड के लिए हताशा को दर्शाता है। तालिबान के पास इतनी बड़ी मात्रा में हेरोइन को ईरान के रास्ते भारत भेजकर खपाने की क्षमता भी नहीं है। उनके अनुसार यह सिर्फ आइएसआइ ही कर सकती है।

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