करोड़ों की संपत्ति के मालिक मगर टैक्स अदा करने के लिए सरकार की तरफ देखते हैं ये नेता

कई प्रदेशों के नेता वैसे तो करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं मगर जब टैक्स भरने की बात आती है तो वो राज्य सरकार की तरफ देखते हैं।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Thu, 19 Sep 2019 01:33 PM (IST) Updated:Thu, 19 Sep 2019 01:49 PM (IST)
करोड़ों की संपत्ति के मालिक मगर टैक्स अदा करने के लिए सरकार की तरफ देखते हैं ये नेता
करोड़ों की संपत्ति के मालिक मगर टैक्स अदा करने के लिए सरकार की तरफ देखते हैं ये नेता

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। देश में कई प्रदेशों के नेता वैसे तो करोड़ों के मालिक हैं मगर जब टैक्स देने की बात आती है तो वो वहां की स्थानीय सरकार की ओर देखते हैं। करोड़ों की संपत्ति के मालिक ये मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक सरकार से मिलने वाली सेलरी और भत्तों के बाद उस पर टैक्स नहीं देना चाहते हैं ऐसे में सरकार को अपने खजाने से ही टैक्स अदा करना पड़ता है।

अभी तक राज्य सरकारें अपने खजाने से ही मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्रियों व विधायकों की सालाना इनकम पर टैक्स अदा कर रही थी। इससे प्रदेश सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ता है। अब कुछ प्रदेशों की सरकारों ने इस टैक्स को अदा करने से मना कर दिया और कहा कि इन नेताओं को अपना इनकम टैक्स खुद ही अदा करना पड़ेगा। इसके बाद कुछ प्रदेशों के नेता तो ऐसा करने के लिए राजी हो गए मगर अभी भी कुछ प्रदेशों के नेता अपने को इतना गरीब बता रहे हैं कि वो टैक्स अदा नहीं कर सकते जबकि चुनाव आयोग में जमा किए गए शपथ पत्र में उन्होंने अपनी करोड़ों की संपत्ति का खुले तौर पर जिक्र किया है।

राज्य सरकार अदा कर रही टैक्स

राज्य सरकार अपने सरकारी खजाने से मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्रियों व विधायकों का सालाना चार करोड़ रुपये से अधिक का आयकर भर रही है। पूर्व विधायकों का भी करीब दो करोड़ रुपये आयकर सरकार ही चुका रही है। इन माननीयों का औसत वेतन (भत्तों सहित) ढाई लाख रुपये है। मंत्रियों का वेतन इनसे 15 से 20 हजार रुपये ज्यादा है। एक विधायक को साल में वेतन व भत्ता 30 लाख रुपये तक मिल जाता है। दस लाख रुपये से अधिक आय पर 30 फीसद के स्लैब रेट से आयकर लगता है।

कुल 68 विधायकों का वेतन 20 करोड़ रुपये से अधिक बनता है। इस आय पर करीब दो करोड़ की बचत के उपाय अपनाए जा रहे हैं। शेष आय पर सरकार आयकर चुका रही है। पहले यात्रा भत्ता अलग से ढाई लाख रुपये था। विधानसभा के मानसून सत्र में इसे बढ़ाकर चार लाख रुपये किया गया है। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष का आयकर चुकाने की जिम्मेदारी विधानसभा निभाती आ रही है। मंत्रियों को वर्तमान में प्रति माह लगभग 4.40 लाख रुपये वेतन और भत्तों के रूप में मिल रहे हैं।

इन राज्यों के नेताओं ने टैक्स अदा करने के लिए नहीं दी रजामंदी

फिलहाल 7 राज्यों के सीएम और मंत्रियों ने अब तक अपना टैक्स अदा करने के लिए रजामंदी नहीं दी है। पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने मार्च 2018 में इस दिशा में कदम बढ़ाया था। यूपी भी अब इसे खत्म करने की कोशिश कर रहा है। इस वजह से राज्यों ने मंत्रियों के टैक्स को अपने कोष से अदा करने के लिए कहा है। एक नजर इन राज्यों के सीएम द्वारा अपने चुनावी हलफनामों में घोषित संपत्ति पर डालते हैं तो पता चल जाता है कि उनके पास कितना पैसा है मगर वो टैक्स नहीं अदा कर रहे हैं।

उत्तराखंड सरकार आगामी कैबिनेट में लाएगी प्रस्ताव

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक, सरकार ने फैसला किया है कि अब भविष्य में मंत्रियों समेत जिन लोगों को भी इस व्यवस्था का लाभ मिल रहा था, वे अपना आयकर स्वयं चुकाएंगे। आगामी कैबिनेट बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव लाया जा रहा है, जिसके बाद यह व्यवस्था स्वयं ही समाप्त हो जाएगी। 

ये हैं प्रदेश और वहां के नेताओं की कुल संपत्ति

मध्य प्रदेश

शिवराज सिंह चौहान- बीजेपी( साल 2008)- संपत्ति- 1 करोड़

शिवराज सिंह चौहान- बीजेपी( साल 2013)- संपत्ति- 6 करोड़

कमल नाथ- कांग्रेस (साल 2018)- संपत्ति- 206 करोड़

छत्तीसगढ़

रमन सिंह - बीजेपी( साल 2008)- संपत्ति- 1 करोड़

रमन सिंह - बीजेपी( साल 2013)- संपत्ति- 5 करोड़

भूपेश कुमार बघेल- कांग्रेस (साल 2018)- संपत्ति- 23 करोड़

हिमाचल प्रदेश

प्रेमकुमार धूमल - बीजेपी( साल 2007)- संपत्ति- 96 लाख

वीरभद्र सिंह- कांग्रेस (साल 2012)- संपत्ति- 33 करोड़

जयराम ठाकुर- बीजेपी( साल 2017)- संपत्ति- 3 करोड़

उत्तराखंड

विजय बहुगुणा- कांग्रेस (साल 2009)- संपत्ति- 1 करोड़

हरीश चंद्र सिंह रावत- कांग्रेस (साल 2017)- संपत्ति- 6 करोड़

त्रिवेंद्र सिंह रावत- कांग्रेस (साल 2017)- संपत्ति- 1 करोड़

हरियाणा

ओमप्रकाश सिंह चौटाला- आइएनएलडी (साल2005)- संपत्ति- 6 करोड़

भूपिंदर सिंह हुडा- कांग्रेस (साल 2014)- संपत्ति- 3 करोड़

एमएल खट्टर- बीजेपी( साल 2014)- संपत्ति- 61 लाख

उत्तर प्रदेश

मायावती- बसपा(साल 2004)- संपत्ति- 11 करोड़

अखिलेश यादव- सपा(साल 2009)-संपत्ति-4 करोड़

आदित्यनाथ- बीजेपी(साल 2014)-संपत्ति-71 लाख

पंजाब

अमरिंदर सिंह- कांग्रेस(साल 2007) संपत्ति- 38 करोड़

प्रकाश सिंह बादल- एसएडी(2012)- संपत्ति- 6 करोड़

अमरिंदर सिंह- कांग्रेस (साल 2017)- संपत्ति- 48 करोड़

(नोट-संपत्तियों की डिटेल एडीआर-(ADR)की साइट से, चुनाव आयोग को दी गई डिटेल के आधार पर)  

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