बनते ही सड़क टूटी तो नपेंगे वहां के अधिकारी, केंद्र सरकार ने लिया कड़े कदम उठाने का फैसला

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने फैसला किया है कि कोई सड़क यदि बनते ही टूट गई तो वहां के अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। जानें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने क्‍या दिए हैं निर्देश...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:42 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 12:13 AM (IST)
बनते ही सड़क टूटी तो नपेंगे वहां के अधिकारी, केंद्र सरकार ने लिया कड़े कदम उठाने का फैसला
कोई सड़क यदि बनते ही टूट गई तो वहां के अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

नई दिल्ली, पीटीआइ। सड़क और पुल के निर्माण में खराब गुणवत्ता के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अब इस दिशा में कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। कोई सड़क यदि बनते ही टूट गई तो वहां के अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

इन्‍हें बनाया गया जवाबदेह

राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क और पुल के निर्माण में गुणवत्ता का पालन नहीं किए जाने पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) तथा राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) के क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों और इंजीनियरों को जवाबदेह बनाया जाएगा।

निरीक्षण में अनदेखी पर होगी कार्रवाई

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाल में जारी अपने सर्कुलर में कहा है कि मंत्रालय, एनएचएआइ और एनएचआइडीसीएल के क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकारियों और इंजीनियरों पर हल्का या भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। निरीक्षण में अनदेखी के तीन मामले सामने आने या ढांचे के निर्माण के दौरान विफलता को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

परियोजनाओं का करेंगे निरीक्षण

सर्कुलर में कहा गया है कि अनुबंध जरूरतों के उल्लंघन को रोकने के लिए मंत्रालय में सक्षम प्राधिकारी ने निर्णय लिया है कि प्राधिकरण के प्रभारी अधिकारी साइट पर परियोजनाओं का निरीक्षण करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कार्य की अनुमोदित निर्माण पद्धति का पालन किया जा रहा है। वर्तमान में अधिकारी किसी भी विफलता के लिए केवल ठेकेदारों, स्वतंत्र इंजीनियरों और काम की निगरानी करने वाले सलाहकारों को दंडित कर रहे हैं।

अधिकारी होंगे जिम्‍मेदार

सर्कुलर के अनुसार, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, एनएचएआइ और एनएचआइडीसीएल के संबंधित अधिकारियों को सड़क, पुल और राजमार्ग के निर्माण में समूचे निरीक्षण तथा निगरानी के लिए जिम्मेदार बनाया जाएगा। इसमें कहा गया है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क और पुल के निर्माण में गुणवत्ता कायम रखने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

इंजीनियरों से भी हो रही चूक

हालांकि, इस तरह के मामले भी सामने आए हैं, जिनमें ठेकेदारों, प्राधिकरण के इंजीनियरों/स्वतंत्र इंजीनियरों की ओर से चूक हुई है या फिर घटिया निर्माण के चलते समय से पहले उसमें खराबी आ गई।

नमूनों की जांच की जाएगी

सर्कुलर के अनुसार, निर्माण स्थल के प्रभारी अधिकारी प्रयोगशाला में नमूनों की जांच या निर्माण स्थल पर महत्वपूर्ण सामग्री की जांच कर सकते हैं। एनएचएआइ और एनएचआइडीसीएल की ओर से दंडात्मक कार्रवाई और समीक्षा के लिए सक्षम अधिकारियों को नामित किया जाएगा।

मासिक निरीक्षण करेंगे अधिकारी

सर्कुलर में कहा गया है कि परियोजना निदेशक और क्षेत्रीय अधिकारी सभी परियोजनाओं का मासिक निरीक्षण करेंगे। हालांकि, यदि कोई परियोजना 300 करोड़ से ज्यादा की है या किसी परियोजना के तहत बड़े पुल का निर्माण किया जा रहा है तो उनका निरीक्षण दो महीने में एक बार किया जाएगा। 

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