कोविड-19 से है मोटापे का दोहरा रिश्ता, जानें इस पर क्‍या राय रखते हैं डॉक्‍टर

मोटापा अपने साथ कई रोगों की गठरी लाद कर आता है। इन दिनों यह कोरोना संक्रमण से ग्रस्त होने की आशंका में भी वृद्धि कर रहा है। इसलिए जरूरी है कि सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन करें।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 02:32 PM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 10:50 PM (IST)
कोविड-19 से है मोटापे का दोहरा रिश्ता, जानें इस पर क्‍या राय रखते हैं डॉक्‍टर
मोटापे में बढ़ जाएगा कोरोना वायरस का खतरा

डॉ. प्रदीप चौबे। कोविड-19 के खौफ से सारी दुनिया परेशान है। आस-पास फैल रहीं सही और गलत जानकारियां वायरस से कहीं ज्यादा डरावनी हैं। शारीरिक दूरी, फेस मास्क और सेल्फ क्वारंटाइन, सुरक्षा के नए नारे हैं, जो कोविड-19 के कारण, 2020 में हर जुबान पर हैं और शायद अभी आगे भी सुनाई देंगे। सेल्फ-आइसोलेशन के इस चरण में चहारदीवारी के अंदर रहने के प्रतिबंधों के चलते बेचैनी का स्तर बहुत बढ़ा है। बच्चे अभी भी आउटडोर खेलों में शामिल होने और बसों द्वारा स्कूल जाने से वंचित हैं। इसलिए अब कोई टाइम टेबल भी नहीं रह गया है।

वर्क फ्रॉम होम के लिए हमने खुद को घरों की डेस्क और लैपटॉप तक सीमित कर लिया है। निष्क्रिय जीवनशैली ने सोने की दिनचर्या को अनियमित कर दिया है। इंटरनेट मीडिया ने कंफर्ट फूड की चाह को और बढ़ा दिया है। कंफर्ट फूड में प्रमुख तौर पर बहुत अधिक रिफाइंड, शुगर, केक, चॉकलेट्स, कुकीज, चीज, चिप्स आदि शामिल होते हैं और ढेरों डिशेज हमारी आसान पहुंच में होती हैं। इस दौर ने पूरे समाज को वजन बढ़ने तथा भावी मोटापे के खतरे में डाल दिया है।

कई रोगों को देता निमंत्रण: मोटापा जीवन की जरूरी क्रियाशीलता को सीमित कर देने वाला एक रोग होता है, जिसे बहुत सारे सह-रोगों के साथ जोड़ा जाता है। मोटापे का शिकार हो रहे हर व्यक्ति को यह तथ्य जानना चाहिए कि आगे व पीछे बढ़ते वजन का पैमाना आपके दिल की लय में गड़बड़ी तो पैदा नहीं कर रहा है। हालांकि आपके कपड़े बढ़े हुए वजन को मापने का सबसे बेहतर तरीका हैं। अधिक वजन आपकी सेहत को हर तरह से प्रभावित करता है। मोटापा कोरोनरी आर्टरी रोगों (सीएडी) के लिए एक जोखिम कारक है। जिसके परिणामस्वरूप धमनियों में कोलेस्ट्रॉल का निर्माण होता है।

यह स्पष्ट है कि अतिरिक्त वजन सेहत के लिए कई तरह के जोखिम पैदा करता है। जिसमें हार्ट अटैक का सबसे अधिक खतरा रहता है। मोटापे को पारंपरिक तौर पर 30 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर से अधिक बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) से परिभाषित किया जाता है। मोटापे का चिकित्सकीय प्रभाव और मेटॉबॉलिक सिंड्रोम, उच्च रक्तचाप, डिसलिपेडेमिया, डायबिटीज मेलीटस, और अनिद्रा जैसी अन्य समस्याओं के साथ जुड़ा है।

मोटापा भेज रहा अस्पताल: न्यूयॉर्क के ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोध में खुलासा हुआ है कि फेफड़े व कैंसर के रोगियों की अपेक्षा मोटे लोगों को कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने की अधिक आशंका है। अमेरिकी रोग नियंत्रण और बचाव विभाग ने 40 से अधिक बीएमआई वाले लोगों को चेतावनी दी है। कोविड-19 में मोटापे से ग्रस्त लोगों में सशक्त जोखिम कारक के रूप में परिणाम दिखाई पड़ रहे हैं। चौथे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के अनुसार, लगभग 40 फीसद भारतीय मोटापे के शिकार हैं। ऐसे में भारतीयों के लिए कोविड-19 का खतरा और बढ़ रहा है।

जामा इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित एक हालिया रिसर्च के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त होना मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि रोगों के ग्रसितों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है। भारतीय चिकित्सकों द्वारा जांचे गए प्रत्येक 10 कोविड पॉजिटिव में से पांच-छ: रोगी मोटापे से ग्रस्त थे। ये मध्य आयु के वयस्क हैं, जो कमर के आस-पास के मोटापे से ग्रस्त होते हैं। हमें कोविड-19 और मोटापे के इस संबंध को गंभीरता से लेना चाहिए।

संतुलित रहे भोजन

संक्रमण से बचने के लिए शारीरिक दूरी, मास्क और हाथों की स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोविड-19 से बचाव करने के बीच हम वजन पर नियंत्रण खो दें और निष्क्रिय होकर घर बैठ जाएं। यह जीवनशैली में अनुशासन अपनाने का वक्त है। संतुलन बनाए रखने की दृढ़ता हमें भविष्य का योद्धा बनाएगी जो न सिर्फ कोरोना वायरस बल्कि सही जीवनशैली अन्य जानलेवा बीमारियों पर भी जीत दिलाएगी। मोटापे से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनानी ही होगी।

संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा नियमों को अपनाएं ना कि इसे व्यायाम में बाधा बनाएं। हमें घर पर ही व्यायाम की उचित व्यवस्था करनी होगी। भोजन के सही चुनाव का सिद्धांत भी हमें निरोगी बनाएगा। संतुलित भोजन में फाइबर, प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट होता है। यदि इसके सही सिद्धांत को हम अपनाएंगे तो संतुष्टि के साथ शरीर भी पुष्ट होगा और हमारी आंतरिक घड़ी भी लयबद्ध तरीके से अपना काम करेगी।

जागरूक होना है जरूरी

कोरोना संक्रमण के बाद एक और महामारी (मोटापा और इसके सह रोग) सामने दिख रही है। इसलिए सबसे अहम है स्वस्थ रहना। अपनी बीमारियों (मधुमेह, मोटापा, हाइपरटेंशन आदि) के बारे में जागरूक होना बहुत जरूरी है। समय पर शरीर की आवश्यक जांचें कराते रहें। हमें अपने शरीर की कार्यप्रणाली के साथ सामंजस्य व संतुलन बनाकर सेहत के लिए चिकित्सक की सहायता लेने में जरा भी झिझकें नहीं।

(चेयरमैन, मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मिनिमल एक्सेस, मेटॉबॉलिक एंड बैरियाट्रिक सर्जरी, मैक्स हेल्थेकयर, नई दिल्ली)

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