जापान पर परमाणु हमले के 75 साल बाद भी दुनिया में खत्म नहीं हुई परमाणु हथियारों की दौड़

जापान के शहर नागासाकी पर हुए परमाणु हमले के 75 वर्ष बाद भी पूरी दुनिया में इन हथियारों को लेकर होड़ लगी हुई है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 11:04 AM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 11:05 PM (IST)
जापान पर परमाणु हमले के 75 साल बाद भी दुनिया में खत्म नहीं हुई परमाणु हथियारों की दौड़
जापान पर परमाणु हमले के 75 साल बाद भी दुनिया में खत्म नहीं हुई परमाणु हथियारों की दौड़

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है। लेकिन इन संकटों से निपटने के साथ हमें उन मुसीबतों को भी ध्यान में रखना चाहिए जो मानव द्वारा, मानव के लिए ही खड़ी की गई हैं। ऐसा ही एक संकट है, परमाणु हथियारों का। 75 साल पहले द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी को परमाणु बम गिराकर नष्ट कर दिया था। इनमें से एक परमाणु बम आज ही के दिन नागासाकी पर गिराया गया था। तब से दुनिया में परमाणु जखीरे को कम करने के लिए तमाम प्रयास हुए, लेकिन आज भी तस्वीर स्याह ही है।

13 हजार परमाणु हथियार

हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बमबारी के 75 साल बाद 13 हजार से अधिक परमाणु हथियार अभी भी दुनिया के विभिन्न देशों के पास हैं। आसमान का सीना चीरने वाले लड़ाकू विमानों से लेकर समुद्र की गहराई मौजूद पनडुब्बियों में बैलेस्टिक मिसाइलें इन हथियारों से लैस हैं।

ताकत के प्रतीक

फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के अनुसार, अमेरिका और रूस के पास दुनिया के 90 फीसद से अधिक परमाणु हथियार हैं, जिनमें प्रत्येक के पास करीब 8 हजार का भंडार है। सैन्य अभिरक्षा में सक्रिय और निष्क्रिय वॉरहेड को कुल हथियारों में शामिल किया गया है, लेकिन वर्तमान में बड़े बमवर्षकों और अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइलों के अड्डों पर तैनात रणनीतिक वॉरहेड को शामिल नहीं किया गया है।

परमाणु हथियारों में आई कमी

खतरनाक परमाणु हथियारों के लिहाज से 8 हजार बड़ी संख्या है। हालांकि शीत युद्ध के दौरान हथियारों की संख्या में भारी कमी आई। विभिन्न हथियार नियंत्रण संधियों के कारण इनके जखीरे में कमी लाई गई।

अमल में आई संधि

परमाणु हथियारों की संख्या इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज संधि के कारण काफी हद तक गिर गई, जिस पर 1987 में अमेरिका और सोवियत संघ ने हस्ताक्षर किए थे, जब दोनों देशों के पास 60 हजार से अधिक परमाणु हथियार थे। र्बिलन की दीवार गिरने और सोवियत संघ के बिखराव के बाद परमाणु निरस्त्रीकरण की ओर रुझान जारी रहा।

आधुनिक हथियारों की दौड़

गिरावट के बावजूद यह अच्छी खबर नहीं है, क्योंकि देश अब अपने मौजूदा भंडार को आधुनिक बना रहे हैं। नए प्रकार, नई वितरण प्रणाली जोड़ रहे हैं और हथियारों को दीर्घकाल तक रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बढ़ सकते हैं परमाणु हथियार

ट्रंप प्रशासन इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस संधि को छोड़ रहा है और अब न्यू स्टार्ट संधि से भी बाहर निकलने की धमकी दे रहा है। यह समझौता अमेरिकी और रूस को 1,550 परमाणु मिसाइलों की तैनाती के लिए सीमित करता है। राष्ट्रपति ट्रंप इसके पीछे दलील देते हैं कि वे चीन को भविष्य में ऐसे किसी भी समझौते का हिस्सा बनाना चाहते हैं, लेकिन बीजिंग ने स्पष्ट रूप से ऐसी भागीदारी से इनकार किया है।

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