आक्सीजन की जरूरत निर्धारित करने के लिए फार्मूला बनाने का सुझाव, एनटीएफ ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय कार्यबल यानी एनटीएफ ने कोरोना महामारी के बीच देखभाल के सभी स्तरों को ध्यान में रखते हुए देश में आक्सीजन की आवश्यकता निर्धारित करने के लिए एक फार्मूला बनाने का सुझाव दिया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय कार्यबल यानी एनटीएफ ने कोरोना महामारी के बीच देखभाल के सभी स्तरों को ध्यान में रखते हुए देश में आक्सीजन की आवश्यकता निर्धारित करने के लिए एक फार्मूला बनाने का सुझाव दिया है। एनटीएफ ने शीर्ष अदालत में दाखिल 163 पेज की रिपोर्ट में इस तरह के फार्मूले का प्रस्ताव किया गया है। एनटीएफ ने उदाहरण देते हुए बताया है कि 100 बिस्तरों वाले अस्पताल में, जिसमें 25 फीसद आइसीयू बेड हों, 1.5 मीट्रिक टन आक्सीजन की आवश्यकता होगी। इसी आधार पर फार्मूला तय किया जा सकता है।
हालात के मुताबिक होंगे बदलाव
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान देश, खासकर दिल्ली के अस्पतालों में आक्सीजन संकट के मद्देनजर छह मई को 12 सदस्यीय समिति गठित की थी। शीर्ष अदालत में दाखिल अपनी रिपोर्ट में इस समिति ने कहा है, 'इस तरह का फार्मूला एक बदलती रहने वाली प्रक्रिया का हिस्सा होगा और हालात के हिसाब से एवं राज्यों के साथ परामर्श के बाद इसमें बदलाव किए जा सकेंगे।'
इस आधार पर हो आवंटन
समिति ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा है कि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय मामलों यानी उपचाराधीन मरीजों और संक्रमण की दोगुनी दर आक्सीजन आवंटन के लिए मुख्य कारक होने चाहिए, जिससे मौजूदा स्थिति और भविष्य की मांग दोनों का समाधान हो सके।
आक्सीजन जरूरत की गणना के लिए प्रणाली बने
समिति ने कहा है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को फार्मूले की गणनाओं पर आधारित एक ऐसी व्यवस्था बनाने की आवश्यकता होगी जिसमें अगले 24 घंटे और उससे आगे के कुछ दिनों में आक्सीजन की आवश्यकता का अनुमान लगाया जा सके। समिति ने यह भी कहा है कि राज्यों को अपनी आवश्यकता केंद्रीय आक्सीजन वार रूम को बतानी होगी।
अस्पतालों के आडिट पर बल
समिति ने कहा है कि आक्सीजन के इस्तेमाल को न्यायसंगत बनाने के लिए अस्पताल का आडिट किया जाना चाहिए जिसमें उनकी पाइपलाइन प्रणाली को भी देखा जाना चाहिए। इस तरह के आडिट से आक्सीजन के इस्तेमाल में 10 से 20 फीसद की कमी की जा सकती है।
राज्यवार आक्सीजन आडिट समितियां गठित हों
समिति ने यह भी कहा है कि शीर्ष अदालत के आदेश के अनुरूप राज्यवार आक्सीजन आडिट समितियों का गठन किया जाए। इसके साथ ही केंद्रीय स्तर पर सिलेंडरों की खरीद, आक्सीजन का उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाना, उपरोक्त फार्मूले के आधार पर राज्यों की आक्सीजन की जरूरतों का आकलन करना एवं आपूर्ति योजना तैयार करने जैसे कदम उठाए जाने चाहिए।
पेट्रोलियम उत्पादों की तरह आक्सीजन का भंडारण हो
एनटीएफ ने देश में पेट्रोलियम उत्पादों की तरह आक्सीजन का भी दो-तीन हफ्ते के लिए रणनीतिक भंडारण करने का सुझाव दिया है। साथ ही सभी अस्पतालों में भी आपातकाल के लिए आक्सीजन का बफर स्टाक रखने की सलाह दी है। समिति ने यह भी कहा है कि बड़े अस्पतालों में आक्सीजन की जरूरत का कम से कम 50 फीसद उत्पादन उसके आस पास ही किया जाना चाहिए।