आतंकवाद से जुड़े केस भी सामान्य आपराधिक मामलों की तरह लेती हैं अदालतें: अजीत डोभाल

डोभाल ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ सुबूत जुटा पाना बेहद कठिन और मुश्किल काम होता है लेकिन ऐसे मामलों में भी अदालतों का व्यवहार सामान्य मामलों की तरह होता है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 08:12 PM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 09:27 PM (IST)
आतंकवाद से जुड़े केस भी सामान्य आपराधिक मामलों की तरह लेती हैं अदालतें: अजीत डोभाल
आतंकवाद से जुड़े केस भी सामान्य आपराधिक मामलों की तरह लेती हैं अदालतें: अजीत डोभाल

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) ने सोमवार को आतंकवादी मामलों में अदालतों की भूमिका पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अदालतें आतंकवाद से जुड़े केस भी सामान्य अपराधिक मामलों की तरह लेती हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि आतंकवाद के मामलों में सामान्य केस जैसे चश्मदीद गवाह जुटाना संभव नहीं है।

राज्यों के आतंकरोधी दस्तों के प्रमुखों की दो दिवसीय बैठक के उद्घाटन अवसर पर अजीत डोभाल ने कहा कि हमलों को अंजाम देने वाले आतंकियों तक आधुनिक प्रौद्योगिकी की पहुंच के कारण उनके खिलाफ सुबूत जुटा पाना बेहद कठिन और मुश्किल काम होता है, लेकिन ऐसे मामलों में आतंकियों के प्रति अदालतों का व्यवहार सामान्य मामलों की तरह होता है। उन्होंने कहा, 'वे (अदालतें) वहीं बेंचमार्क और मानक अपनाती हैं। केस तैयार करने के लिए आपको गवाहों की जरूरत होती है। आतंकी मामलों में आप गवाह कहां से लाएंगे। पहली बात, ऐसे मामलों में गवाह बहुत कम होते हैं। दूसरा, कुख्यात जैश ए मुहम्मद या लश्कर ए तैयबा आतंकी के खिलाफ एक सामान्य नागरिक के लिए अदालत पेश होना बहुत-बहुत कठिन है।'

आतंकी फंडिंग को लेकर दबाव में पाकिस्तान 

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने साफ किया कि भारत किसी देश के खिलाफ नहीं है, लेकिन आतंकी फंडिंग पर जो सुबूत हैं उसे दुनिया के सामने रखना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि एफएटीएफ की निगरानी के बाद पाकिस्तान आतंकी फंडिंग को लेकर जितना दबाव में है, पहले कभी नहीं था। डोभाल ने कहा कि आतंकवाद पाकिस्तान सरकार की आधिकारिक नीति है और इसीलिए इससे निपटना इतना आसान नहीं होगा। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद इमरान खान के जिहाद के आह्वान की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि अब आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अहम चरण में पहुंच गई है। इससे निपटने के लिए सभी एजेंसियों को एकजुट होकर काम करना होगा।

आतंकवाद के खिलाफ मीडिया की अहम भूमिका

उन्होंने एजेंसियों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मीडिया की अहम भूमिका की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों को लेकर मीडिया को सही जानकारी उपलब्ध कराना एजेंसियों की जिम्मेदारी है, ताकि जनता को सही तथ्यों से अवगत कराया जा सके।

दक्षिणी राज्यों में पैठ बढ़ा रहा जेएमबी

एनआइए के महानिदेशक वाईसी मोदी ने बताया कि किस तरह जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) भारत के दक्षिणी राज्यों में पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। बेंगलुरु से पिछले दिनों जेएमबी आतंकियों की गिरफ्तारी इसका सुबूत है। वहीं, एनआइए के महानिरीक्षक आलोक मित्तल ने भारत में इस्लामिक स्टेट (आइएस) को रोकने में किए गए प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत में अभी तक आइएस के कुल 127 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 125 संदिग्धों की सूची को राज्यों के साथ साझा किया है।

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