मंगल ग्रह पर हेलीकॉप्टर उड़ान में भारतवंशी बॉब बलराम की रही अहम भूमिका, जानिए कहां से की है पढ़ाई

नासा के इनजेनयुटी नाम के हेलीकॉप्टर ने मंगल ग्रह पर सोमवार को पहली उड़ान भरी थी। धरती से परे किसी दूसरे ग्रह पर इस तरह की यह पहली उड़ान थी। लगभग 1.8 किलोग्राम का यह हेलीकॉप्टर उड़ान के दौरान दस फीट की ऊंचाई पाने में सफल रहा।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 06:01 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 06:11 PM (IST)
मंगल ग्रह पर हेलीकॉप्टर उड़ान में भारतवंशी बॉब बलराम की रही अहम भूमिका, जानिए कहां से की है पढ़ाई
हेलीकॉप्टर मिशन के चीफ इंजीनियर बॉब बलराम की फाइल फोटो

जेएनएन, नई दिल्ली। मंगल ग्रह पर एक रोबोट हेलीकॉप्टर की पहली उड़ान से नासा के इतिहास रचने में भारतीय मूल के एक विज्ञानी की भी अहम भूमिका रही। इस हेलीकॉप्टर मिशन के चीफ इंजीनियर बॉब बलराम ने आइआइटी मद्रास से पढ़ाई की है। वह अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के साथ गत 20 वर्षो से काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह और उनकी टीम इस लाल ग्रह के लिए अब एक बड़े आकार के हेलीकॉप्टर की डिजाइन तैयार करने में जुट गई है। यह नया हेलीकॉप्टर साढ़े चार किलोग्राम तक के उपकरण ढोने में सक्षम होगा।

नासा के इनजेनयुटी नाम के हेलीकॉप्टर ने मंगल ग्रह पर सोमवार को पहली उड़ान भरी थी। धरती से परे किसी दूसरे ग्रह पर इस तरह की यह पहली उड़ान थी। लगभग 1.8 किलोग्राम का यह हेलीकॉप्टर उड़ान के दौरान दस फीट की ऊंचाई पाने में सफल रहा। इस मिशन को लॉस एंजिलिस के पास स्थित नासा के जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी से संचालित किया गया। मिशन के चीफ इंजीनियर बलराम ने ही इनजेनयुटी को विकसित किया था। वह आइआइटी मद्रास से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद अमेरिका चले गए थे। इसके बाद उन्होंने न्यूयॉर्क के रेनसीलर पॉलीटेक्नीक इंस्टीट्यूट से कंप्यूटर एंड सिस्टम इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। यहीं से पीएचडी की डिग्री भी ली। दक्षिण भारत से ताल्लुक रखने वाले बलराम इस समय नासा के जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी में बतौर चीफ इंजीनियर काम कर रहे हैं।

नासा में एक दर्जन से ज्यादा भारतवंशी

नासा में भारतीय मूल के एक दर्जन से अधिक इंजीनियर काम कर रहे हैं। इस एजेंसी में भारतीय मूल की स्वाति मोहन भी हैं। वह नासा के पर्सिवेरेंस रोवर मिशन की चीफ आपरेंशस इंजीनियर हैं। नासा का यह रोवर गत 18 फरवरी को मंगल ग्रह पर उतरा था। इसके साथ ही यह हेलीकॉप्टर भी लाल ग्रह पर पहुंचा था।

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