अब विधवाएं और तलाकशुदा महिलाएं भी बन सकेंगी सेरोगेट मदर, केंद्रीय कैबिनेट ने संशोधनों को मंजूरी दी

केंद्रीय कैबिनेट ने सेरोगेसी रेगुलेशन बिल 2020 को मंजूरी दे दी है। जानिये इस बिल की खासियतें और किसे मिलेगा इससे सेरोगेट मदर बनने का अधिकार...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 26 Feb 2020 10:33 PM (IST) Updated:Thu, 27 Feb 2020 12:09 AM (IST)
अब विधवाएं और तलाकशुदा महिलाएं भी बन सकेंगी सेरोगेट मदर, केंद्रीय कैबिनेट ने संशोधनों को मंजूरी दी
अब विधवाएं और तलाकशुदा महिलाएं भी बन सकेंगी सेरोगेट मदर, केंद्रीय कैबिनेट ने संशोधनों को मंजूरी दी

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय कैबिनेट ने सेरोगेसी (रेगुलेशन) बिल 2020, को मंजूरी दे दी है। इसके जरिये किसी भी इच्छुक महिला को किराये की कोख वाली मां यानी सेरोगेट मदर बनने का अधिकार हासिल होगा। इस विधेयक के जरिये माता-पिता बनने में अक्षम भारतीय दंपतियों के अलावा विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं (35 से 45 आयु वर्ग) को इस कानून के तहत लाभ लेने का अवसर मिलेगा।

व्यापारिक सेरोगेसी पर रोक लगाने की कवायद

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस विधेयक में राज्य सभा की प्रवर समिति की सभी सिफारिशों को शामिल किया गया है। इस बिल का मकसद व्यापारिक सेरोगेसी पर प्रतिबंध लगाना और परोपकार के लिए की जाने वाली सेरोगेसी की अनुमति देना है।

महिलाओं के अधिकार पर उदार रुख

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के प्रजनन के अधिकारों में उदारवादी विचारों को बढ़ावा दिया है। फिर चाहे वह एसिसटेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी रेगुलेशन बिल हो या फिर सेरोगेसी बिल हो। सेरोगेसी संशोधन बिल को अगले महीने बजट सत्र के दूसरे हिस्से की शुरुआत में पेश किया जा सकता है।

प्रवर समिति के पास भेजा गया था बिल

लोकसभा में पारित बिल में केवल महिला के करीबी रिश्तेदार के ही सेरोगेट मदर बनने की बात थी जिस पर आपत्ति जताई गई थी। इसीलिए इसे राज्यसभा में भाजपा सदस्य भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता वाली 23 सदस्यीय प्रवर समिति के पास विचार के लिए भेजा गया था।

म्यामांर से हुए तीन समझौतों को मंजूरी

इसके अलावा, केंद्रीय कैबिनेट ने म्यांमार के साथ किए गए तीन समझौैतों को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने बताया कि इन तीन समझौतों में एक वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर है जबकि दो अन्य सहमति पत्र संचार और पेट्रोलियम सेक्टर को लेकर हैं। चूंकि मिजोरम की सीमाएं म्यामांर से लगी हुई हैं, वन्य जीव सीमा के आरपार आते-जाते रहते हैं।  

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