मध्य प्रदेश में फसल पर लगे रोगों की जांच और इलाज के लिए अब कृषि ओपीडी, जानें- कैसे लें लाभ

खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए शिवराज सरकार लगातार नवाचार कर रही है। अब सभी जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों में कृषि ओपीडी खोली जा रही है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिसंबर 2020 में जबलपुर में और जनवरी 2021 में हरदा में इसे शुरू किया गया था।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Thu, 25 Mar 2021 07:39 PM (IST) Updated:Thu, 25 Mar 2021 07:41 PM (IST)
मध्य प्रदेश में फसल पर लगे रोगों की जांच और इलाज के लिए अब कृषि ओपीडी, जानें- कैसे लें लाभ
जबलपुर और हरदा में सफलता के बाद अब पूरे प्रदेश में लागू होगी व्यवस्था

वैभव श्रीधर, भोपाल। कोई भी फसल हो और उसमें लगने वाले किसी भी तरह की रोगों की जानकारी लेना हो या खेती-किसानी के संबंध में कोई समस्या हो तो मध्य प्रदेश में किसान को कहीं भटकना नहीं पड़ेगा। न ही किसी दुकानदार के पास जाने की जरूरत है। बस उसे अपने जिले की कृषि ओपीडी में जाना होगा, जहां कृषि विशेषज्ञ उसकी हर समस्या का निदान खोजेंगे। प्रदेश के दो जिलों में इसको शुआती सफलता मिल चुकी है। अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है।

खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए शिवराज सरकार लगातार नवाचार कर रही है। अब सभी जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों में कृषि ओपीडी खोली जा रही है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिसंबर 2020 में जबलपुर में और जनवरी 2021 में हरदा में इसे शुरू किया गया था। इसमें किसानों को दो तरह की सुविधा दी गई हैं। किसान रोग, कीट या अन्य समस्या से प्रभावित फसल के नमूने लेकर केंद्र में आ सकता है। यहां विशेषज्ञ उसका परीक्षण करके निदान बताएंगे। यदि किसान नहीं आ सकते हैं तो वे केंद्र द्वारा जारी वाट्सएप नंबर पर फसल की फोटो भेजकर सलाह ले सकते हैं।

जो किसान आते हैं, उनका रखा जाता है रिकॉर्ड

जबलपुर केंद्र के विशेषज्ञ एके सिंह ने बताया कि ओपीडी के बाद भी किसानों से लगातार संपर्क रखा जाता है। वहीं, हरदा केंद्र में पदस्थ फसल विज्ञानी एसके तिवारी ने बताया कि जो किसान आते हैं, उनका रिकॉर्ड रखा जाता है। मोबाइल नंबर भी लेते हैं ताकि उन्हें बोवनी, दवा के छिड़काव, निदाई और कटाई को लेकर सूचनाएं दी जा सकें। हाल ही में मूंग के संबंध में लगभग 34 हजार किसानों को सलाह दी गई। ऐसी ही सुविधाएं किसानों को हर जिले की कृषि ओपीडी में दी जाएंगी। 

अब विशेषज्ञ सप्ताह में एक दिन जाएंगे

गांव हर जिले में कृषि ओपीडी के साथ एक नवाचार यह भी किया जा रहा है कि अब विशेषज्ञों को सप्ताह में एक दिन गांवों में भेजा जाएगा। वे वहां किसानों को मिट्टी की स्थिति, फसल चक्र, बीज, खाद, और रोग के निदान की सलाह देंगे। विशेषज्ञों को लौटकर गांव के बारे में रिपोर्ट भी देनी होगी। रिपोर्ट के आधार पर कृषि विभाग रणनीति तय करेगा। यह व्यवस्था नए वित्तीय वर्ष से प्रारंभ होगी।

मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि अभी तक किसान फसलों में रोग लगने पर सीधे दवा दुकानदारों के पास पहुंचता था। दुकानदार उन्हें महंगी दवाएं देते हैं। कई बार सही जानकारी नहीं होने से दवा काम नहीं करती हैं। इससे खेती की लागत बढ़ने के साथ फसल को भी नुकसान होता है। इसे देखते हुए ओपीडी में विशेषज्ञों को नियुक्त कर समस्याओं का समाधान कराया जा रहा है। विशेषज्ञों को भी गांव भेजा जाएगा।  

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