मध्य प्रदेश में अब हिंदी में भी होगी मेडिकल की पढ़ाई, माड्यूल तैयार करने के लिए बनेगी समिति

मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि पढ़ाई का माड्यूल तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जाएगी। समिति के सुझाव के आधार पर ही पूरा पाठ्यक्रम हिंदी में तैयार किया जाएगा।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 08:30 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 08:30 AM (IST)
मध्य प्रदेश में अब हिंदी में भी होगी मेडिकल की पढ़ाई, माड्यूल तैयार करने के लिए बनेगी समिति
हिंदी दिवस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा माड्यूल तैयार करने के लिए समिति बनेगी

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई अब अंग्रेजी की साथ हिंदी में भी होगी। पढ़ाई का माड्यूल तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जाएगी। समिति के सुझाव के आधार पर ही पूरा पाठ्यक्रम हिंदी में तैयार किया जाएगा। यह बात मप्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने यहां अपने निवास पर हिंदी दिवस के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में कही।

विश्वास सारंग ने कहा कि छात्र के पास विकल्प रहेगा कि वह अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करना चाहता है या अंग्रेजी में। सारंग ने कहा कि अपनी मातृभाषा में पढ़ाई की सुविधा से गरीब, ग्रामीण और आदिवासी पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों का आत्मविश्वास ब़़ढेगा। इसी सोच के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई अपनी मातृभाषा में करने के प्रविधान किए हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई पहले जैसी चलती रहेगी। समिति की रिपोर्ट आते ही प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

हिंदी दिवस की सभी को बधाई।

हम जल्द से जल्द एक कमेटी का निर्माण कर रहे हैं जो यह सुनिश्चित करेगी कि मैडिकल शिक्षा का पाठ्यक्रम हिंदी में भी हो।

आगे आने वाले समय में प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई हिंदी में शुरू करेंगे। pic.twitter.com/XzMZOUkt32

— Vishvas Kailash Sarang (@VishvasSarang) September 14, 2021

इससे पहले मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री डां मोहन यादव ने 13 सितंबर को जानकारी दी थी कि राज्य में इंजीनियरिंग के छात्रों के पाठ्यक्रम में रामायण, महाभारत और रामचरितमानस को शामिल किया जाएगा। यादव ने संवाददाताओं से कहा, 'मध्य प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति, 2020 के अनुसार, प्रथम वर्ष के स्नातक छात्रों के लिए इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में रामायण, रामचरितमानस और महाभारत के महाकाव्यों को शामिल करने का निर्णय लिया है।'

राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो कोई भी भगवान राम के चरित्र और समकालीन कार्यों के बारे में सीखना चाहता है, वह इन पाठ्यक्रमों के जरिए ऐसा कर सकता है। हमारे अध्ययन बोर्ड के शिक्षकों ने एनईपी 2020 के तहत पाठ्यक्रम तैयार किया है। अगर हम अपने गौरवशाली इतिहास को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो इसको लेकर किसी को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

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