आंगनबाड़ी में अब सेहत के साथ शिक्षा की भी मिलेगी खुराक, पांच राज्यों के आंगनबाड़ी केंद्रों का हुआ चयन

फाउंडेशन के डिस्टि्रक्ट प्रोग्राम मैनेजर अमित गोरे के मुताबिक कोरोना महामारी के 10 माह बाद जिलों में आंगनबाड़ी केंद्र खुलने जा रहे हैं। प्रोजेक्ट के तहत विदिशा और नटेरन ब्लाक के 50-50 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 05:43 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 06:33 PM (IST)
आंगनबाड़ी में अब सेहत के साथ शिक्षा की भी मिलेगी खुराक, पांच राज्यों के आंगनबाड़ी केंद्रों का हुआ चयन
आंगनबाड़ी केंद्र की एक फाइल फोटो ।

अजय जैन, भोपाल। आंगनबाड़ियां अब सिर्फ सुपोषण केंद्र तक ही सीमित नहीं रहेंगी। उन्हें बुनियादी शिक्षा केंद्र (प्ले स्कूल) के रूप में भी विकसित किया जाएगा। जहां पोषण आहार के साथ बच्चों को खेल-खेल में नैतिक शिक्षा दी जाएगी ताकि उनका मानसिक विकास भी हो। यह तैयारी देश की नई शिक्षा नीति के तहत की जा रही है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पांच राज्यों के पांच जिलों की चुनिंदा आंगनबाड़ियां शामिल की गई हैं। इनमें मध्य प्रदेश का विदिशा जिला भी शामिल है। प्रोजेक्ट के तहत विदिशा के अलावा राजस्थान का बारां, उत्तर प्रदेश का बलरामपुर, झारखंड का साहिबगंज और बिहार का बेगूसराय जिला शामिल किया गया है। इसका जिम्मा सरकार ने पिरामल फाउंडेशन को सौंपा है।

फाउंडेशन के डिस्टि्रक्ट प्रोग्राम मैनेजर अमित गोरे के मुताबिक कोरोना महामारी के 10 माह बाद जिलों में आंगनबाड़ी केंद्र खुलने जा रहे हैं। प्रोजेक्ट के तहत विदिशा और नटेरन ब्लाक के 50-50 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है। इनमें लगभग 3500 बच्चे दर्ज हैं। इन केंद्रों पर 50 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 50 सहायिकाओं को प्रशिक्षित किया गया है। कार्यकर्ताओं द्वारा अलग-अलग तरीकों से बच्चों को पढ़ाया जाएगा और उनमें मानसिक क्षमता का विकास किया जाएगा।

खेल-खेल में देंगे ज्ञान

चयनित आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए चार बिंदुओं पर आधारित विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया है। इसके माध्यम से तीन से छह साल की उम्र के बच्चों को खेल-खेल में ज्ञान दिया जाएगा। इसमें संख्या ज्ञान, स्थानीय भाषा में शिक्षा, खेलों के माध्यम से पढ़ाई और सामाजिक ज्ञान शामिल होगा। गोरे ने बताया कि हर केंद्र पर चित्र आधारित पुस्तकें दी जा रही हैं। इनकी कहानियों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जाएगा।

पायलट प्रोजेक्ट के नेशनल हेड ख्याति भट्ट ने बताया कि यह एक वर्ष का अर्ली चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोग्राम है। आने वाले वर्षो में जिलों और आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

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