Covid Vaccine: नोवावैक्स की कोरोना वैक्सीन 90.4 फीसद असरदार, विभिन्न वैरिएंट के खिलाफ भी है प्रभावी

अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी नोवावैक्स ने सोमवार को दावा किया कि तीसरे चरण के परीक्षण में उसकी कोरोना रोधी वैक्सीन को समग्र रूप से 90.4 फीसद असरदार पाया गया है। संक्रमण के मध्यम और गंभीर लक्षणों के खिलाफ यह सौ फीसद सुरक्षा भी प्रदान करती है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 10:36 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 07:56 AM (IST)
Covid Vaccine: नोवावैक्स की कोरोना वैक्सीन 90.4 फीसद असरदार, विभिन्न वैरिएंट के खिलाफ भी है प्रभावी
अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी नोवावैक्स ने सोमवार को दावा किया

नई दिल्ली, एएनआइ। अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी नोवावैक्स ने सोमवार को दावा किया कि तीसरे चरण के परीक्षण में उसकी कोरोना रोधी वैक्सीन को समग्र रूप से 90.4 फीसद असरदार पाया गया है। कंपनी ने यह भी कहा कि संक्रमण के मध्यम और गंभीर लक्षणों के खिलाफ यह सौ फीसद सुरक्षा भी प्रदान करती है। कंपनी ने कहा कि तीसरे चरण का परीक्षण अमेरिका और मेक्सिको में 119 केंद्रों पर 29,960 लोगों पर किया गया। आखिरी चरण में वैक्सीन के प्रभाव, सुरक्षा और प्रतिरक्षा का आकलन किया गया।

कंपनी ने कहा, मध्यम और गंभीर लक्षणों के खिलाफ सौ फीसद सुरक्षा प्रदान करती है

कंपनी के मुताबिक कोरोना वायरस के विभिन्न वैरिएंट के खिलाफ भी वैक्सीन प्रभावी है। नोवावैक्स के प्रेसिडेंट और सीईओ स्टैनली सी. एर्क ने कहा कि कंपनी की एनवीएक्स-सीओवी2373 अत्यंत असरदार है और मध्यम एवं गंभीर संक्रमण के खिलाफ पूर्ण सुरक्षा प्रदान करती है। प्रोटीन आधारित इस वैक्सीन को कोरोना वायरस के पहले स्ट्रेन के जीनोम सिक्वेंसिंग से तैयार किया गया है।

कंपनी के मुताबिक उसकी वैक्सीन का रखरखाव भी आसान है। इसे दो से आठ डिग्री सेल्सियस यानी सामान्य फ्रीज में रखा जा सकता है। इसकी वजह से वैक्सीन के वितरण के लिए मौजूदा सप्लाई चेन में किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं होगी।

आसान रखरखाव और ट्रांसपोर्ट से विकसित देशों में वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने में मिल सकती है मदद

विकाससील देशों में वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। वहीं कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि वह सभी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद तीसरी तिमाही नियामक मंजूरी के लिए आवेदन करेगी। कंपनी ने यह भी कहा कि नियामक मंजूरी मिलने तक उसकी उत्पादन क्षमता 10 करोड़ डोज प्रति माह हो जाएगी और उसके बाद वह हर महीने 15 करोड़ डोज का उत्पादन क्षमता हासिल कर लेगी।

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